पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती मामले में गिरफ्तार सुजय कृष्ण भद्र उर्फ कालीघाट काकू (कालीघाट के चाचा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को मामले का एकमात्र किंगपिन बता रहे हैं। यह जानकारी सूत्रों ने दी है।
उनके अनुसार, भद्र लगातार चटर्जी का नाम उन मुद्दों में भी शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जहां राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री की संलिप्तता के बारे में कोई सबूत नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि भद्र ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्रारंभिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के साथ अपने संबंधों के बारे में पूछताछ करने वालों को गुमराह करने की भी कोशिश की, जो स्कूल में भर्ती के कथित संबंधों के आरोप में न्यायिक हिरासत में भी हैं।
पूछताछ के दौरान, भद्र ने दावा किया कि उसका भट्टाचार्य से परिचय 2021 में ही हुआ था। हालांकि, उसके मोबाइल फोन से बरामद व्हाट्सएप चैट इतिहास 2018 से भट्टाचार्य के साथ भद्र के संचार को स्थापित करता है। निश्चित रूप से, वह बहुत सारी जानकारी को डायवर्ट करने की कोशिश कर रहा है, जिसकी हमें उम्मीद है।
बुधवार को ही कोलकाता में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने भद्र को 14 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले 30 मई को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने 12 घंटे से अधिक की मैराथन जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था।
ईडी के वकील ने बुधवार को अदालत को एक सिविक वालंटियर राहुल बेरा के बारे में भी बताया, जिसे भद्र ने मामले से संबंधित सभी इलेक्ट्रॉनिक डेटा को हटाने का निर्देश दिया था।
ईडी सूत्रों ने कहा कि बेरा को जल्द ही एजेंसी के कार्यालय में बुलाया जाएगा और उनसे भद्र के साथ पूछताछ की जाएगी।
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Source : IANS