भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया- ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक वाहन, ओला इलेक्ट्रिक और बूम मोटर्स द्वारा निर्मित इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
जवाब में कहा- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक वाहन, ओला इलेक्ट्रिक और बूम मोटर्स द्वारा निर्मित इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। एमओआरटीएच द्वारा अधिसूचित मानकों के अनुपालन के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 126 के तहत अधिसूचित परीक्षण एजेंसियों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोटोटाइप या घटकों का परीक्षण किया जाता है।
एमओआरटीएच ने डीआरडीओ, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बेंगलुरु और नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम के स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक जांच टीम का गठन किया था, ताकि ईवी में आग लगने के मूल कारण की जांच की जा सके और उपचारात्मक उपायों की सिफारिश की जा सके।
उत्तर के अनुसार, एमओआरटीएच ने इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी और उसके घटकों, बीएमएस और संबंधित प्रणालियों के लिए सुरक्षा मानकों के निर्माण का सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का भी गठन किया था। समिति की सिफारिश के आधार पर मंत्रालय ने ऑटोमोटिव उद्योग मानकों (एआईएस) में संशोधन किया है। उक्त संशोधन 1 दिसंबर, 2022 से लागू हैं और इन एआईएस के कुछ खंड 31 मार्च, 2023 से प्रभावी होंगे।
एमओआरटीएच ने 25 अगस्त, 2022 को क्वाड्रीसाइकिल, ई-रिक्शा, दोपहिया और चार पहिया वाहनों सहित इलेक्ट्रिक वाहनों की सभी श्रेणियों के संबंध में उत्पादन की अनुरूपता (सीओपी) की आवश्यकताओं के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की थी।
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Source : IANS