पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के मवेशी तस्करी घोटाले में दो सह-अभियुक्तों के बयान से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी सुकन्या मंडल के खिलाफ मजबूत केस बनाने में मदद मिली।
सूत्रों ने बताया कि मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन और चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष कोठारी द्वारा केंद्रीय एजेंसी को दिए गए बयानों से महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने में मदद मिली कि कैसे कथित घोटाले की आय को शेल कंपनियों तथा चावल मिलों, रियल एस्टेट और भूमि में निवेश जैसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से जमा और डायवर्ट किया गया।
अनुब्रत मंडल और सुकन्या मंडल की तरह, हुसैन और कोठारी भी वर्तमान में नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
सूत्रों ने कहा कि ईडी ने गुरुवार को नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें दो सह-आरोपियों द्वारा दिए गए इन बयानों में से कुछ का उल्लेख किया गया है। कथित घोटाले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल विभिन्न व्यक्तियों के साथ सहगल हुसैन द्वारा बनाए गए कॉल रिकॉर्ड का विवरण भी पूरक आरोपपत्र में संदर्भित किया गया है।
पता चला है कि आरोपपत्र में ईडी के अधिकारियों ने एक विस्तृत तस्वीर पेश करने की की कोशिश की थी कि बीरभूम जिले के स्थानीय पशु बाजार से तस्करी कर लाए गए मवेशियों को कैसे विभिन्न एजेंसियों के कर्मचारियों की मिलीभगत से भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित मुर्शिदाबाद जिले के गांवों में पहुंचाया जाता था। सूत्रों ने कहा कि आरोपपत्र में विभिन्न कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मियों का भी संदर्भ है जिनकी इस मामले में भूमिका थी।
सूत्रों ने कहा कि आरोपपत्र में नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड और एएनएम एग्रोकेम फूड्स नाम की दो कंपनियों का जिक्र है, जिनमें सुकन्या मंडल निदेशक हैं। इसके अलावा भोलेबम राइस मिल्स का भी उल्लेख है जिसमें वह भागीदार हैं।
हालांकि चार्जशीट में उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि ईडी ने सुकन्या मंडल के विभिन्न बैंक खातों में 50,000 रुपये से थोड़ी कम राशि में लगातार अंतराल पर कई नकद जमा का पता लगाया है।
अनुब्रत मंडल की राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल से पश्चिम बंगाल की एक जेल में लौटने की याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी थी।
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Source : IANS