पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दक्षिणी कोलकाता के भवानीपुर में भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल के खिलाफ प्रचंड जीत दर्ज की, तृणमूल कांग्रेस 30 सितंबर को हुए चुनाव में सभी तीन सीटें जीत गई।
जंगीपुर और समसेरगंज से क्रमश: तृणमूल के जाकिर हुसैन और अमीरुल इस्लाम जीते।
21 राउंड की मतगणना के बाद, ममता को कुल 118,580 वोटों में से 85,263 वोट मिले, जिसमें 71 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, जबकि प्रियंका टिबरेवाल को 26,428 वोट मिले, जो 22 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। माकपा के श्रीजीब बिवास को महज 4,226 वोट ही मिले।
ममता बनर्जी के लिए मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए यह करो या मरो की लड़ाई थी, क्योंकि वह इस साल के शुरू में विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम में भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं।
चुनाव जीतने के बाद ममता ने भतीजे और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी व उनकी बेटी की मौजूदगी में मीडिया से कहा, मैं भवानीपुर के लोगों की ऋणी हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे रिकॉर्ड अंतर से जीतने में मदद की। सबसे दिलचस्प बात यह है कि हम किसी भी वार्ड में नहीं हारे। भवानीपुर में मतदान हमेशा कम होता रहा है और उस दिन बारिश भी हुई थी। फिर भी लोग बड़ी संख्या में बाहर निकले और हमें वोट दिया।
उन्होंने कहा, हमारे खिलाफ बहुत साजिश थी और भवानीपुर के लोगों ने उसका जवाब दिया है। जब हम सभी सीटों पर जीते, तो नंदीग्राम में कैसे हार गए। मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इसलिए मैं और कुछ नहीं कहूंगी।
ममता ने तीन उंगलियां उठाते हुए कहा, मैं दो उंगलियां उठाकर जीत के संकेत नहीं दिखाऊंगी। मैं स्वार्थी नहीं हूं। मेरे दो साथी भी जंगीपुर और शमशेरगंज से चुनाव जीते हैं और इसलिए मैं तीन उंगलियां उठाती हूं।
जंगीपुर में हुसैन ने 92,480 मतों के अंतर से जीत दर्ज की, जबकि शमशेरगंज में अमीरुल इस्लाम ने 26,379 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
हुसैन को 136,444 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सुजीत दास को 43,964 मत मिले। वहीं, अमीरुल इस्लाम को 96,417 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जैदुर रहमान को 70,038 वोट मिले।
नतीजों की घोषणा के बाद हालांकि भाजपा ने जमकर हंगामा किया।
मीडिया को संबोधित करते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, हमें यह समझने की जरूरत है कि बड़ी संख्या में लोग मतदान करने नहीं आ सके या उन्हें मतदान करने नहीं आने दिया गया। लेकिन एक बात हमें ध्यान में रखनी चाहिए .. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोचा था कि वह भवानीपुर से भाजपा का सफाया कर देंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, हम लोगों के समर्थन से अभिभूत हैं। जो लोग, सभी बाधाओं के बावजूद, बाहर आए और हमें वोट दिया। यह हमें भविष्य में एक नई भावना के साथ लड़ने के लिए प्रेरित करेगा। अक्टूबर में चार उपचुनाव हैं और हम आशा करते हैं कि हम इन चुनावों में बेहतर करेंगे।
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Source : IANS