केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुराना करार देते हुए उन्हें राजनीति से संन्यास लेने का सुझाव दिया।
राजस्थान के जोधपुर से सांसद शेखावत ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, गहलोत को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। यहां तक कि उनकी पार्टी के सदस्य भी यही चाहते हैं।
उन्होंने कहा, अशोक गहलोत के बयानों में, मैं जोधपुर में उनके बेटे की हार की पीड़ा सुनता हूं। वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट के परिणाम को नहीं भूले हैं। मतदाताओं ने मुझे पीएम मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का आशीर्वाद दिया था। तब से, वह मुझे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे, लेकिन मुझे उनसे सहानुभूति है।
शेखावत ने लोकसभा चुनाव में अशोक गहलोत के बेटे वैभव को हराया था।
केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, वह न केवल मुझे उकसाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हैं, बल्कि अनुचित बयान भी देते रहते हैं। मैंने उन्हें चुनौती दी है कि वह पीएम मोदी के खिलाफ अपने मनगढ़ंत आरोपों को साबित कर दें।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर गहलोत और शेखावत पिछले दो दिनों से एक-दूसरे पर वार कर रहे हैं।
10 अप्रैल (रविवार) को बीकानेर में गहलोत ने कहा, राजस्थान ने 25 सांसद जीते हैं, हमारे जल शक्ति मंत्री राजस्थान से हैं। उन्हें कम से कम यह एक परियोजना मिलनी चाहिए जिसे राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित किया जाए। यदि उनके पास क्षमता नहीं है और वह प्रधानमंत्री को समझा नहीं सकते, तो उनके पास मंत्री पद क्यों है?
लोकसभा चुनाव के बाद से ही शेखावत और सीएम गहलोत के बीच खींचतान चल रही है। जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे के विद्रोह के बाद यह और बढ़ गया।
गहलोत खेमे ने ऑडियो टेप जारी कर केंद्रीय मंत्री पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। बाद में शेखावत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इसी टेप के आधार पर सिंह ने दिल्ली में केस दर्ज कराया है।
इस मामले में गहलोत के ओएसडी और पुलिस अधिकारी आरोपी थे। इसी के बाद से दोनों के बीच तनाव बढ़ गया है।
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Source : IANS