पश्चिम बंगाल के झारग्राम की एक अदालत ने शुक्रवार शाम तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हुए हमले के सिलसिले में कुर्मी नेता राजेश महतो को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
इस मामले में महतो के साथ गिरफ्तार सात अन्य लोगों को भी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
राजकीय स्कूल के शिक्षक महतो को हमले के बाद सबसे पहले उनके जिले से दूर स्थित जिले में तबादला कर दिया गया और अंत में गिरफ्तार कर लिया गया।
अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले को लेकर दो घटनाक्रमों के बीच महतो का तबादला और गिरफ्तारी हुई है।
शनिवार को ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम मिदनापुर जिले के सालबोनी में एक रैली को संबोधित करते हुए, जहां शुक्रवार शाम को अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमला हुआ था, भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह आदिवासी समुदायों के खिलाफ कुर्मी को भड़काकर जातीय संघर्ष के जरिए राज्य में मणिपुर जैसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है।
अलीत महतो और सुनमन महतो जैसे वरिष्ठ कुर्मी नेताओं ने काफिले पर हमले को लेकर समुदाय के सदस्यों और उनके नेताओं के खिलाफ किसी भी कड़ी पुलिस कार्रवाई की स्थिति में राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
काफिले पर हमले के सिलसिले में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कुल 15 लोगों को नामजद किया गया है। राजेश महतो प्राथमिकी में नामित 15 में से एक थे। शुक्रवार को हुए हमले में खुद आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरबाहा हांसदा की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी।
इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल के करीबी आदिवासी समुदायों के एक प्रतिद्वंद्वी संगठन ने हांसदा के वाहन पर हमले को लेकर 8 जून को पश्चिम बंगाल में आम हड़ताल का आह्वान किया है।
यह आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ ऑल ट्राइबल ऑर्गेनाइजेशन इन वेस्ट बंगाल ने किया है। संगठन के नेता बिप्लब सोरेन ने कहा कि बीरबाहा हांसदा आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली महिला हैं। उन्होंने कहा, साथ ही वह पश्चिम बंगाल कैबिनेट की सदस्य हैं। हमने उन पर हुए इस हमले के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है।
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Source : IANS