राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) रवींद्रनाथ टैगोर के आकादमिक (शैक्षणिक) विचारों को दर्शाती है।
बीरभूम जिले के शांति निकेतन में टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय का वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुर्मू ने कहा, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के अकादमिक विचारों ने देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में आधुनिक विचारों को पेश करने का मार्ग दिखाया। इस मिट्टी के महान पुत्र के अकादमिक विचारों के प्रतिबिंब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 में हैं।
राष्ट्रपति ने विश्व भारती विश्वविद्यालय में पुरुष और महिला छात्रों के संतुलित अनुपात पर भी संतोष प्रकट किया।
राष्ट्रपति ने कहा, मैं पुरुष और महिला छात्रों के इस संतुलित अनुपात से वास्तव में खुश हूं। भारत में लगभग 50 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महिलाओं के लिए शिक्षा मानकों में सुधार के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की तत्काल जरूरत है। इसलिए, पूरे देश में महिलाओं की शिक्षा पर अतिरिक्त जोर दिया जाना चाहिए।
इस अवसर को चिह्न्ति करने के लिए विश्वविद्यालय प्राधिकरण ने मुर्मू को टैगोर का एक चित्र सौंपा।
मंगलवार दोपहर शांति निकेतन पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने सबसे पहले विश्वविद्यालय परिसर के भीतर स्थित रवींद्र भवन में टैगोर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने संग्रहालय का अवलोकन किया। परिसर के भीतर कला भवन का दौरा किया और वहां प्रदर्शित मूर्तियों की सराहना की।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंदा बोस, जो अपनी विश्वविद्यालय के रेक्टर भी हैं, इस अवसर पर उपस्थित थे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS