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कोलकाता: दुर्गा पूजा में गांधीजी को असुर बनाने पर बवाल, हिंदू महासभा भड़की 

दक्षिण पश्चिम कोलकाता में रूबी क्रॉसिंग के पास एक पंडाल में राष्ट्रपिता की तरह दिखने वाली महिषासुर (mahishasura) की मूर्ति बनाए जाने से नाराज लोगों ने संबंधित आयोजकों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.

Updated on: 03 Oct 2022, 09:30 PM

कोलकाता:

दुर्गा पूजा (Durga pooja) और गांधी जयंती (Gandhi jayanti) के उत्सवों के बीच अखिल भारतीय हिंदू महासभा (Akhil bhartiya hindu sabha) ने दक्षिण पश्चिम कोलकाता (KolkatA) में रूबी क्रॉसिंग के पास अपने पूजा पंडाल में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की एक मूर्ति को महिषासुर के रूप में चित्रित किए जाने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. दक्षिण पश्चिम कोलकाता में रूबी क्रॉसिंग के पास एक पंडाल में राष्ट्रपिता की तरह दिखने वाली महिषासुर (mahishasura) की मूर्ति बनाए जाने से नाराज लोगों ने संबंधित आयोजकों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. इसके लिए लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए  जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है.

44 वर्षीय रतन डे और उनके पुत्र लेफ्टिनेंट तारापद डे की शिकायत के बाद पुलिस ने पूजा पंडाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जहां मूर्ति रखी गई थी. विशेष रूप से, विभिन्न राजनीतिक दलों की आलोचना और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद संबंधित क्षेत्र में दुर्गा पूजा के आयोजकों ने रविवार को निर्देशों का पालन करते हुए मूर्ति का स्वरूप बदल दिया. हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी ने कहा कि परिवर्तन 'जबरन' किया गया था. गोस्वामी ने कहा, “हमें धमकी भरे कॉल आ रहे थे. पुलिस ने कहा कि अगर हम मूर्ति नहीं बदलते हैं, तो वे हमारी पूजा बंद कर देंगे. पुलिस ने जबरन मूर्ति पर विग लगा दी और चश्मा हटा दिया लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

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हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर गिरि ने दावा किया कि महात्मा गांधी ने ऐसा कुछ नहीं किया है कि उन्हें 'महात्मा' कहा जाए. यह उल्लेख करना उचित है कि हिंदू महासभा नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' मानती है और गांधी जयंती पर काला दिवस मनाती है. इस घटना की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी निंदा की. मजूमदार ने कहा, "यह एक शर्मनाक घटना है और इस तरह की बात को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए." टीएमसी के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हालांकि गांधी के साथ 'विवाद' है, उसके बाद भी ऐसी घटना को 'प्रोत्साहित' नहीं किया जाना चाहिए.