भारतीय युवा कांग्रेस ने रविवार को शहीद पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न राजीव गांधी के शहादत दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर में लगभग 400 यूनिट रक्तदान हुआ।
इस अवसर पर भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सोच एक क्रांतिकारी सोच थी, जिसने युवा भारत की नींव रखी। आज हम जिस डिजिटल क्रांति के दौर में हैं, उसकी बुनियाद देश में राजीव गांधी ने रखी थी। राजीव ने ही उम्र सीमा कम करके युवाओं को वोटिंग की ताकत दी।
वहीं राजीव गांधी के शहादत दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने महाराष्ट्र सदन में न्याय वाहिनी, महिला वकीलों का राष्ट्रीय कॉनक्लेव कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नेटा डीसूजा ने कहा कि भारतीय संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के माध्यम से भारत की महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में राजीव गांधी जी के सराहनीय कदम हमेशा याद रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण के इसी भाव को ध्यान में रखते हुए देश में महिलाओं को कानूनी सहायता और स्वतंत्रता दिलाना इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था।
कार्यक्रम में विवेक तन्खा, मनीष तिवारी, वरिष्ठ वकील के टी.एस. तुलसी, जे.पी. अग्रवाल, पवन बंसल, सलमान खुर्शीद और उदित राज इस दौरान मौजूद रहे।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेटा डीसूजा ने महिलाओं के लिए कानूनी सशक्तिकरण की एहमियत पर जोर डाला। उन्होंने महिला कांग्रेस की निशुल्क हेल्पलाइन स्त्री पर आने वाली कानूनी मदद की गुहारों पर प्रकाश डाला और बताया, हमारा उद्देश्य है कि आने वाले समय में हर जिले में कम से कम 5 महिला वकील मदद के लिए मौजूद रहे।
महिला वकीलों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि लोगों के मन से थाने जाने का डर निकालना होगा। जब तक पुलिस सेंसिटिव नहीं होगी, तब तक दिक्कत बनी रहेगी।
राज्यसभा सांसद टी.एस. तुलसी ने कहा, न्याय मिलने में अगर 10 साल लग जाएं तो वह न्याय नहीं अन्याय है।
वहीं, दलबीर सिंह ने राजीव गांधी की सोच को सलाम करते हुए कहा, समस्या सिर्फ यह है कि हमारे देश में महिलाएं अपनी मर्जी से किसी को चुनने के मूलभूत अधिकार से वंचित हैं।
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस ने देश को महिला नेतृत्व दिया, आरएसएस में तो महिला मुखिया कभी बन ही नहीं सकती। साथ ही उन्होंने कहा कि अब महिलाएं पुरुषों से दो कदम आगे रहती हैं।
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Source : IANS