पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से भाजपा के सांसद अर्जुन सिंह सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए रविवार की शाम तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मध्य कोलकाता के कैमाक स्ट्रीट स्थित पार्टी कार्यालय में उनका दोबारा पार्टी में स्वागत किया। इस अवसर पर उत्तर 24 परगना जिले के अन्य शीर्ष तृणमूल नेता, विधायक और मंत्री मौजूद रहे।
साल 2023 में पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनावों और 2024 में लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में इसे भाजपा के लिए एक और झटका के रूप में देखा जा रहा है। सिंह उत्तर 24 परगना जिले में अपने संगठनात्मक आधार का विस्तार करने में एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे। वह 2019 का लोकसभा चुनाव बैरकपुर से जीते थे।
काफी समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि सिंह तृणमूल में वापस आ सकते हैं, क्योंकि उन्होंने जूट की कीमत तय करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज थे। हाल ही में वह भाजपा के राज्य नेतृत्व के खिलाफ भी मुखर हो गए।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए नई दिल्ली में सिंह के साथ अलग-अलग बैठकें भी कीं, जो फलदायी साबित नहीं हुईं।
तृणमूल में फिर से शामिल होने के बाद सिंह ने कहा कि उन्होंने तृणमूल नेतृत्व के साथ गलतफहमी के बाद 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया था।
उन्होंने कहा, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद मुझे राज्य से निर्वाचित लोकसभा सदस्य के रूप में स्वतंत्र रूप से कार्य करने में बाधाओं का सामना करना पड़ा। मैंने जूट की कीमत के मुद्दे को सुलझाने की बहुत कोशिश की और वहां भी मुझे बाधाओं का सामना करना पड़ा। इसलिए, मैंने फिर से तृणमूल में शामिल होने का फैसला किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह नैतिक आधार पर लोकसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देंगे, सिंह ने कहा कि वर्तमान में बंगाल से दो ऐसे लोकसभा सदस्य हैं, जो आधिकारिक तौर पर तृणमूल सांसद हैं, लेकिन वास्तव में भाजपा के साथ हैं।
उन्होंने कहा, जिस दिन ये दोनों सांसद नैतिक आधार पर इस्तीफा देंगे, मैं भी एक घंटे के भीतर इस्तीफा दे दूंगा और नए सिरे से चुनाव का सामना करूंगा।
अर्जुन सिंह के पार्टी छोड़ने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, दिलीप घोष ने कहा कि जब से वह बैरकपुर से भाजपा की ओर से चुने गए थे, तब से सिंह उन पर प्रशासनिक और पुलिस के दबाव को सहन करने में असमर्थ थे। उन्होंने दावा किया, पहले हमारे कुछ निर्वाचित विधायक इसी दबाव के कारण तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
अर्जुन सिंह 2011 से 2019 तक उत्तर 24 परगना जिले के भाटपारा विधानसभा क्षेत्र से चार बार तृणमूल विधायक रहे। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में तृणमूल नेतृत्व द्वारा उन्हें बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा नामांकन से वंचित कर दिया गया था। इसके बाद वह भगवा खेमे में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें 2019 में बैरकपुर लोकसभा से अपने उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया और सिंह ने तृणमूल के मौजूदा सदस्य दिनेश त्रिवेदी को 15,000 से कम मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी।
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Source : IANS