Advertisment

डीए संकट : शुभेंदु अधिकारी ने शीर्ष अदालत में सुनवाई के बार-बार टलने पर सवाल उठाए

डीए संकट : शुभेंदु अधिकारी ने शीर्ष अदालत में सुनवाई के बार-बार टलने पर सवाल उठाए

author-image
IANS
New Update
Kolkata BJP

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को सवाल किया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीखों को बार-बार क्यों टाला जा रहा है।

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि तारीखों के इस लगातार टलने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं।

अधिकारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। संयुक्त मंच इस मामले में आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। आंदोलन हाजरा चौराहे पर किया जा रहा है जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास से 1 किमी से भी कम दूरी पर है।

अधिकारी ने कहा, जब भी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई मामला होता है, तो मामला तीन दिनों के भीतर सुनवाई के लिए आता है। लेकिन दुर्भाग्य से, जब महंगाई भत्ते पर सुनवाई की बात आती है, तो मामला दिसंबर से जुलाई तक के लिए टाल दिया जाता है। मैं ऐसा कई बार देख चुका हूं।

तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने दावा किया है कि यदि विपक्ष के नेता को पर्दे के पीछे के खेल के बारे में पता है, तो उन्हें इसके बारे में बोलना चाहिए, और शीर्ष अदालत को भी इस मामले में उनसे पूछताछ करनी चाहिए। तृणमूल नेताओं के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष की इस तरह की टिप्पणी अदालत की अवमानना के बराबर है।

अधिकारी ने संयुक्त मंच को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार के साथ पूर्ण असहयोग अपनाने की भी सलाह दी।

इस बीच, संयुक्त मंच राज्य में सभी तृणमूल कांग्रेस विरोधी ताकतों के जमावड़े में बदल गया। अधिकारी के अलावा, कांग्रेस नेता कौस्तव बागची और माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती भी उसी मंच पर पहुंच गए।

तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि रैली, जो महंगाई भत्ते की मांग को लेकर होनी थी, वास्तव में कई राजनीतिक दलों की निराश आत्माओं का जमावड़ा बन गई।

उन्होंने कहा, विरोध रैली के मंच से जिस तरह व्यक्तिगत हमले किए गए, वह बेहद निंदनीय है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment