तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने की खबर जैसे ही बुधवार शाम कोलकाता पहुंची, राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने इस मामले में सुरक्षित रुख अपनाया।
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि वह इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करेंगे, क्योंकि इस तरह के मुद्दों पर पार्टी का रुख बहुत स्पष्ट है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल किसी के भी पीछे नहीं खड़ी होगी।
घोष ने पूछा, लेकिन एक सवाल अपने आप उठता है कि क्या सुकन्या मंडल को हिरासत में लिए बिना केंद्रीय एजेंसी अपनी जांच जारी रख सकती थी। उसने कुछ महीने पहले अपनी मां को खो दिया था, उसके पिता न्यायिक हिरासत में हैं। तो क्या इतना बड़ा कदम जरूरी था? क्या यह कदम किसी राजनीतिक ताकत के निर्देश के बाद उठाया गया।
इससे पहले बुधवार को ईडी ने पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सुकन्या मंडल को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। ईडी ने घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सुकन्या को कई बार अपने मुख्यालय में तलब किया था, लेकिन वह समन टालती रहीं। उनके पिता अनुब्रत मंडल इस समय इसी घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।
सुकन्या को ईडी ने पिछले साल अगस्त में उसके पिता की गिरफ्तारी के आठ महीने बाद गिरफ्तार किया। इस बीच, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि गिरफ्तारी जरूरी थी क्योंकि वह बार-बार केंद्रीय एजेंसी के समन से बचती रही हैं।
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Source : IANS