जलमार्ग के जरिए खाद्यान्न की ढुलाई जल्द ही पटना से गुवाहाटी के पांडु तक शुरू होगी, जिससे किसानों को बेहतर कीमत और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित होगी। ये जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को दी।
मंत्री ने जहाज एमवी लाल बहादुर शास्त्री को ध्वजांकित करते हुए कहा, यह 2,350 किलोमीटर की यात्रा गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट (असम) के लिए एक नया द्वार खोलेगी और गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में निर्बाध जलमार्ग कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा कि इस जहाज को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने से उन्हें दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे जय जवान जय किसान की याद आ गई।
गोयल, केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री हैं, उन्होंने एक वर्चुअल समारोह में कहा, यह हमारे किसानों को उनकी पहुंच का विस्तार करके और उन्हें बेहतर मूल्य और बेहतर जीवन प्रदान करके आत्मानिर्भर बना देगा। यह आयोजन एक्ट ईस्ट नीति और बिहार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त दृष्टि का एक आदर्श प्रदर्शन है।
मंत्री ने कहा कि बिहार के कालूघाट में 78 करोड़ रुपये में नियोजित इंटरमॉडल टर्मिनल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और रोजगार के कई अवसर पैदा करेगा।
यह उत्तर बिहार की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और इस क्षेत्र में कार्गो के परिवहन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करने में भी मदद करेगा। पटना से यह मार्ग पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए खाद्यान्न और माल की आवाजाही के पारंपरिक तरीके के लिए एक व्यवहार्य विकल्प साबित हो सकता है।
यह पहला खाद्यान्न आंदोलन राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (गंगा नदी), एनडब्ल्यू-97 (सुंदरबन), भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग और एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) के माध्यम से एक एकीकृत अंतर्देशीय जल परिवहन आंदोलन होगा।
पूर्वोत्तर में निर्बाध नौवहन के लिए भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के दो हिस्सों का विकास किया जा रहा है।
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Source : IANS