लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने की सिफारिश करने के बाद अब कोडावा समुदाय भी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के दर्जे की मांग कर रहा है।
इसी क्रम में कोडावा समुदाय के प्रतिनिधी एमएम बंसी और विजय मुथप्पा ने गुरुवार को PM मोदी को चिट्ठी लेकर अलग धर्म की मांग की है।
इससे पहले बुधवार को एमएम बंसी और विजय मुथप्पा ने राज्य सरकार के अल्पसंख्यक विभाग को भी ज्ञापन सौंपा था।
उन्होंने ज्ञापन में लिखा, 'कोडावा समुदाय अल्पसंख्यक धर्म के दर्जे के योग्य है क्योंकि हमारी जनसंख्या 1.5 लाख से भी कम है। केंद्र ने संविधान की आठवीं अनुसूची में कोडावा थक्क, (कोडावी भाषा) को स्क्रिप्ट के बिना शामिल करने पर विचार किया है और प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक अधिसूचना भी जारी की गई है।'
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समुदाय ने अपनी मांगो को सही ठहराते हुए लिखा, 'हम प्रकृति के पुजारी हैं और हिंदू धर्म के कई रिवाजों का पालन नहीं करते। हमारी किसी भी रस्म में ब्राह्मण पुजारी को शामिल नहीं किया जाता है और हमारे सभी शास्त्र हमारी अपनी भाषा में है। हमारी वेशभूषा भी अलग है और हमारा प्रमुख आहार पोर्क (मांसाहारी) है।'
कर्नाटक के वरिष्ठ पत्रकार ए जयराम ने मांग को ग़लत ठहराते हुए कहा कि 'कोडावा हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ ही एक छोटा समुदाय है। वह ब्राह्मणों को अपना पुरोहित नहीं मानते। उनके साथ कभी कोई भेदभाद का मामला सामने नहीं आया है वह हिंदू पर्सनल लॉ को मानने वाले हैं फिर पता नहीं क्यों वह अल्पसंख्यक का दर्ज़ा मांग रहे हैं।'
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Source : News Nation Bureau