World War-2 में राइफल्स पर कंडोम लगाते थे सैनिक, जंगलों में ऐसा क्यों करती थी सेना?
इस राज्य के लोगों को नहीं देना होता इनकम टैक्स, 330 साल पुराना है नियम
'ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सम्मान करें' , डिविलियर्स ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को दी सलाह
बकरीद पर इस राज्य से सामने आए मवेशियों के अवैध कुर्बानी के मामले, मुख्यमंत्री ने तुरंत ले लिया एक्शन
Rinku Singh Net Worth: रिंकू सिंह 3 बार के सांसद की बेटी और MP प्रिया सरोज से ज्यादा हैं अमीर, इतनी है नेट वर्थ
कांग्रेस आत्ममंथन के बजाय चुनाव हारने के बहाने ढूंढती है: चिराग पासवान
चुनाव से पहले ही अपनी हार को स्वीकार कर रही है कांग्रेस पार्टी : नलिन कोहली
पहला चीन-केन्या सांस्कृतिक और पर्यटन सत्र कार्यक्रम केन्या में शुरू
टैमी और एमी का वनडे में प्रभावशाली प्रदर्शन मेरे लिए अहम : एडवर्ड्स

Explained: जानिए क्यों जरूरत पड़ी आखिर हमें चीफ ऑफ स्टाफ पद बनाने की

सन 1999 में जब पाकिस्तान से भारत को युद्ध करना पड़ा था तो भारतीय खेमें में कुछ कमियां या खामियां सामने आई थीं.

author-image
Vikas Kumar
New Update
Explained: जानिए क्यों जरूरत पड़ी आखिर हमें चीफ ऑफ स्टाफ पद बनाने की

आज लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2019 को देश के नाम अपने संबोधन में देश की तीनों सेनाओं को एकजुट करने के लिए और उसकी प्रभाव को और भी धारदार बनाने के लिए Chiefs of Staff Committee बनाने की घोषणा की. आइये जानते हैं कि इस पद की हमको क्यों जरूरत पड़ी.
सन 1999 में जब पाकिस्तान से भारत को युद्ध करना पड़ा था तो भारतीय खेमें में कुछ कमियां या खामियां सामने आई थीं. इसके बाद जब तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवानी की अध्यक्षता में गठित गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स(GOM) ने समीक्षा की तो पाया कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल में की कमी रही थी. जिस वजह से हमें काफी नुकसान उठाना पड़ा था.

Advertisment

यह भी पढ़ें: इमरान खान को पीएम नरेंद्र मोदी का खौफ, 30 मिनट की स्‍पीच में लिया इतने बार नाम

उसी वक्त समीक्षा समिति की ओर से चीफ ऑफ डिफेंस बनाए जाने का सुझाव दिया गया था. हालांकि तब वाजपेयी सरकार में मंत्रियों के समूह की सिफारिश पर सेना के तीनों अंगों के बीच सहमति न बन पाने के कारण इसे ठंडे बस्ते में चला गया था.
बाद में बीच का रास्ता निकालते हुए बाद में तीनों सेनाओं के बीच उचित समन्वय के लिए Chiefs of Staff Committee(CoSC) का पद सृजित किया गया. हालांकि इसके चेयरमैन के पास कोई खास शक्ति दी गई, बस वह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल करता है.

यह भी पढ़ें: अब दुनिया और कश्‍मीरियों को भड़काने में लगा पाकिस्‍तान, चली ये बड़ी चाल

फिलहाल एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयमैन हैं. कुछ समय बाद चीफ ऑफ डिफेंस का स्थाई पद बनाने की फिर मांग उठी. रक्षा मंत्री रहते के दौरान मनोहर पर्रिकर ने भी दावा किया था कि दो साल के अंदर सेना में चीफ ऑफ डिफेंस का पद बनना चाहिए.
इन देशों के पास हैं CDS सिस्टम
अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम, जापान सहित दुनिया के कई देशों के पास चीफ ऑफ डिफेंस जैसी व्यवस्था है. नॉटो देशों की सेनाओं में ये पद हैं. बताया जा रहा है कि विस्तृत भूमि, लंबी सीमाओं, तटरेखाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों को सीमित संसाधनों से निपटने के लिए भारत के पास एकीकृत रक्षा प्रणाली के लिए चीफ ऑफ डिफेंस पद की बहुत जरूरत थी.
क्या बदलाव आएगा CDS सिस्टम से
इस सिस्टम के आ जाने से हमारे देश की तीनों सेनाएं और भी ज्यादा प्रभावी रुप से काम करने की स्थिति में होंगी. तीनों सेनाओं में सामंजस्य होने से किसी भी ऑपरेशन को करने में सहायता मिलेगी और हम इसे कम समय में व्यवस्थित तरीके से कर पाएंगे.

Source : News Nation Bureau

1999 Kargil War Independence Day 2019 Chief of staff post Indian Soldiers PM Narendra Modi
      
Advertisment