क्या राज्यसभा में तीन तलाक पर मोदी सरकार को मिलेगा समर्थन, जानें क्या है समीकरण...

बीजेपी को उम्मीद है कि तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) विधेयक को राज्यसभा में भी समर्थन मिलेगा.

बीजेपी को उम्मीद है कि तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) विधेयक को राज्यसभा में भी समर्थन मिलेगा.

author-image
Deepak K
एडिट
New Update
क्या राज्यसभा में तीन तलाक पर मोदी सरकार को मिलेगा समर्थन, जानें क्या है समीकरण...

राज्यसभा में तीन तलाक़ बिल

राज्यसभा में तीन तलाक़ बिल पेश होने से पहले मचे हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है. बीजेपी को उम्मीद है कि तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) विधेयक को राज्यसभा में भी समर्थन मिलेगा. इस विधेयक को क़ानून बनाने के लिए ज़रूरी है कि संसद के उच्च सदन राज्य सभा में भी यह पास हो जाए. बता दें कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय में फौरन लिए जाने वाले तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाता है. विवादास्पद तीन तलाक विधेयक को लोकसभा ने बृहस्पतिवार को एक चर्चा के बाद साल भर से भी कम समय में दूसरी बार मंजूरी दी.

Advertisment

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'मैं राज्यसभा की परिपक्वता की सराहना करता हूं. हमारा मानना है कि हम राज्यसभा में इसके पक्ष में समर्थन हासिल कर लेंगे.'

उन्होंने कहा कि यह विधेयक राजनीतिक विरोध के लिए नहीं होना चाहिए क्योंकि यह तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं के लिए न्याय की बात करता है. बहरहाल, राज्य सभा में इस विधेयक का पारित होना सरकार के लिए एक मुश्किल भरा कार्य होने की संभावना है क्योंकि उच्च सदन में उसके पास बहुमत नहीं है.

कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों और अन्नाद्रमुक जैसी कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने इस विधेयक के खिलाफ अपना एतराज जताया है. गौरतलब है कि अन्नाद्रमुक ने अक्सर ही संसद में सरकार का समर्थन किया है.

प्रसाद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों की दलीलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि हर किसी ने कहा कि तीन तलाक गलत है लेकिन उन्होंने (विपक्ष ने) यह कहा कि इसे अपराध की श्रेणी में नहीं लाया जाए, जो एक हैरत भरा तर्क है.

प्रसाद ने इस बात का जिक्र किया कि महिलाएं अपने पति के खिलाफ तलाक की अर्जी देती हैं, वे कभी-कभी निर्ममता बरतने का आरोप भी लगाती हैं जो एक आपराधिक मामला है. उन्होंने इस बात का जिक्र किया, 'यह भी कहा गया कि यह अन्य धर्मों में नहीं होता. लेकिन हकीकत यह है कि तीन तलाक की प्रथा किसी अन्य धर्म में नहीं है.'

उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने बृहस्पतिवार को तीन तलाक विधेयक पारित कर दिया. इसके समर्थन में 245, जबकि विरोध में 11 वोट पड़े. ज्यादातर विपक्षी पार्टियां सदन से वाकआऊट कर गईं.

आइए देखते हैं राज्यसभा में क्या है समीकरण-

राज्यसभा में फ़िलहाल कुल सांसदों की संख्या- 244

NDA की सीट
बीजेपी सांसद- 73
जेडीयू सांसद - 6
अकाली दल सांसद - 3
शिवसेना सांसद - 3

यानी कि बीजेपी+ के पास कुल 85 सांसद है. वहीं अन्य 12 सांसदों के समर्थन की उम्मीद जताई जा रही है. अत: बीजेपी के पक्ष में 97 वोट दिखाई दे रहा है.

वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के समर्थन में पड़ने वाले वोट पर भी चर्चा करते हैं.

कांग्रेस सांसद - 50
टीएमसी सांसद- 13
एआईडीएमके सांसद- 13
समाजवादी पार्टी सांसद- 13
लेफ्ट फ्रंट सांसद - 7
टीडीपी सांसद- 6
टीआरएस सांसद - 6
आरजेडी सांसद- 5
बीएसपी सांसद- 4
डीएमके सांसद- 4
बीजू जनता दल सांसद- 9
आम आदमी पार्टी सांसद- 3
पीडीपी सांसद- 2

यानी कि कुल 135 सांसद विपक्ष में दिखाई दे रहे हैं. यानी सरकार के पास यहां बहुमत नहीं है.

Source : News Nation Bureau

congress Instant divorce triple talaq bill Ravi Shankar Prasad Lok Sabha rajya-sabha
Advertisment