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जानें क्या है स्थगन प्रस्ताव, जिस पर लोकसभा में मचा है बवाल

स्थगन प्रस्ताव एक ऐसा प्रस्ताव होता है, जो देश की किसी गंभीर और अविलंबनीय समस्या पर चर्चा के लिए लाया जाता है. ऐसी समस्या को टालना देश या समाज के लिए घातक हो सकता है, जैसे सुरक्षा, आपदा या कोई अन्य गंभीर समस्या.

Updated on: 17 Dec 2018, 09:07 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने राफेल मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में आज स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. वहीं सीपीआईएम सांसद मोहम्मद सलीम ने भी राफेल मुद्दे को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. इससे पहले शुक्रवार को राफेल विमान सौदा मुद्दा, कावेरी नदी पर बांध समेत कई अन्य मुद्दे को लेकर विपक्ष के हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित की गई थी. विपक्ष ने जहां राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग करते हुए हंगामा किया.

जानें क्या है स्थगन प्रस्ताव

स्थगन प्रस्ताव एक ऐसा प्रस्ताव होता है, जो देश की किसी गंभीर और अविलंबनीय समस्या पर चर्चा के लिए लाया जाता है. ऐसी समस्या को टालना देश या समाज के लिए घातक हो सकता है, जैसे सुरक्षा, आपदा या कोई अन्य गंभीर समस्या. ऐसे प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सदन की सारी नियमित कार्यवाही रोक दी जाती है, यानी स्थगित कर दी जाती है, इसलिए इसे स्थगन प्रस्ताव कहते हैं.

सामान्यतया सदन, कार्यसूची में दर्ज मदों के अनुसार ही अपने काम निपटाता है. कोई भी कार्य अध्यक्ष की अनुमति के बिना नहीं होता लेकिन, स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर पहले की सारी अनुमतियां और तय प्रक्रियाएं रोक दी जाती हैं, यह सदन के लिए असामान्य स्थिति होती है.

स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सदन को सचेत करने और सरकार को तुरंत कार्रवाई हेतु बाध्य करने की स्थिति उत्पन्न की जाती है.

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प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष सदस्य से कहता है कि वह प्रस्ताव पेश करने को सदन की अनुमति मांगे. अगर अनुमति पर किसी को आपत्ति होती है तो अध्यक्ष, उन सदस्यों से जोकि अनुमति दिए जाने के पक्ष में हों, उनसे अपने स्थानों पर खड़े होने के लिए कहता है. यदि अनुमति देने को कम से कम 50 सदस्य खड़े होते हैं तो अध्यक्ष घोषणा कर देता है कि अनुमति दी जाती है. इसके बाद प्रस्ताव गृहीत हुआ मान लिया जाता है.