भारत में अब ई-सिगरेट (E-cigarette) पीना कानून जुर्म होगा. मोदी सरकार ने इस पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ई सिगरेट (E-cigarette) को बैन करने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा E-Cigarette के प्रोडक्शन और स्टोरेज पर भी रोक लगा दी गई है. बहुत से लोगों को नहीं पता कि ई-सिगरेट (E-cigarette) कैसा होता है और सरकार को इसपर प्रतिबंध लगाने की जरूरत क्यों पड़ी. आइए जानते हैं क्या है ई-सिगरेट..
- ई सिगरेट का मतलब है Electronic Nicotine delivery systems (ENDS)
- ई-सिगरेट (E-cigarette) एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है
- ई-सिगरेट (E-cigarette) को आमतौर पर धूम्रपान के विकल्प के रूप में लिया जाता रहा है.
- ई-सिगरेट (E-cigarette) में निकोटिन या दूसरे केमिकल युक्त लिक्विड भरा जाता है
- ये इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है
- ई-सिगरेट (E-cigarette) पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है
- ई-सिगरेट (E-cigarette) में जिस लिक्विड को भरा जाता है वो निकोटिन या खतरनाक केमिकल होता है
- ई-सिगरेट (E-cigarette) को सेहत के लिहाज से बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है.
- ई-सिगरेट (E-cigarette) फेफड़े की ताक़त को कम कर देता है
- इसका सेवन अस्थमा समेत कई दूसरी बीमारियों की वजह बन सकता है
- इसमें प्रयुक्त केमिकल जानलेवा हैं, इसके दुष्प्रभावों से पॉपकॉन लंग्स एवं लंग्स कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.
भारत में ई-सिगरेट
- जुलाई 2019 तक देश में करीब 460 ई-सिगरेट (E-cigarette) के ब्रांड मौजूद थे
- ई-सिगरेट (E-cigarette) के करीब सात 7700 फ्लेवर भी थे
- अगस्त 2018 में स्वस्थ्य और परिवार मंत्रालय ने इसके विज्ञापन पर रोक लगाई थी
- फरवरी 2019 में इसको लेकर CDSCO ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यों को इसकी बिक्री की इजाजत न देने को कहा था सभी राज्यों के ड्रग कंट्रोलर्स को कहा गया था वह इसको सुनिश्चित करें कि इसकी बिक्री न होने पाए.
दुनिया में कहां-कहां बैन
- अमेरिका के न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में इसको प्रतिबंधित किया गया है
- जापान में ई-सिगरेट (E-cigarette) को गैरकानूनी घोषित किया गया है.
- ब्राजील, सिंगापुर, शिशेल्स, ऊराग्वे में भी ई-सिगरेट (E-cigarette) पर प्रतिबंध है.
- फरवरी 2014 में यूरोपीयन पार्लियामेंट ने इसकी रोकथाम को लेकर कदम उठाने की शुरुआत की थी.
- 2014 में कनाडा ने इसको तकनीकी तौर पर गैरकानूनी घोषित किया था.
- अर्मेनिया, बोसनिया हर्जिगोवेनिया में इसकी बिक्री नियमित नहीं है
- क्रोएशिया में इसके विज्ञापन और सार्वजनिक जगहों पर इस्तेमाल से रोक है.
- फ्रांस में भी यह प्रतिबंधित है
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो