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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण की बड़ी बातें 41 POINTS में जानें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को लाल किले की प्रचारी से राष्‍ट्र ध्‍वज लहराया. इसके बाद देश को सम्‍बोधित किया. प्रधानमंत्री ने डेढ़ घंटे से भी ज्‍यादा समय तक भाषण दिया.

Updated on: 15 Aug 2019, 11:52 AM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को लाल किले की प्रचारी से राष्‍ट्र ध्‍वज लहराया. इसके बाद देश को सम्‍बोधित किया. प्रधानमंत्री ने डेढ़ घंटे से भी ज्‍यादा समय तक भाषण दिया. इस दौरान बहुत सी बातें कही. अगर आप उनका भाषण नहीं सुन सके हैं और चूक गए हैं तो हम आपको उनके भाषण की सारी बातें संक्षेप में बता रहे हैं. यहां आपको सारी जानकारी हासिल हो जाएगी.

1. किसान केमिकल फर्टिलाइजर डालकर धरती मां को तबाह नहीं करेंगे. खेत में केमिकल फर्टिलाइजर डालना बंद कर कर देंगे किसान

2. 2022 से देशभर में हम कम से कम 15 टूरिस्‍ट डेस्‍टिनेशन जाएं, इससे हमारे देश में पर्यटन को बहुत बल मिलेगा

3. दुकानदारों को अपनी दुकान से आज नकद कल उधार का बोर्ड उतारकर डिजिटल पेमेंट को हां, नकद को न का बोर्ड लगाना चाहिए

4. हमें गर्व है कि हमारा रुपे कार्ड सिंगापुर में चल रहा है और भी देशों में चलने वाला है, रुपे कार्ड प्रधानमंत्री मोदी ने ही लांन्‍च किया था

5.  जो प्रोडक्‍ट अपने देश में बने उसे ही खरीदने को प्राथमिकता देंगे, इससे हमारी ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को बहुत बड़ा बल मिलेगा

6. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वच्‍छता की बात कही थी, इसे जनांदोलन बना दिया गया. अब इस 2 अक्‍टूबर को हम प्‍लास्‍टिक मुक्‍त भारत बनाने का अभियान शुरू करने जा रहे हैं. दुकानदारों को एक और बोर्ड लगाना चाहिए कि कृपया घर से थैला लेकर आएं

7. देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ का गठन किया जाएगा, इससे तीनों सेनाओं को सामूहिक नेतृत्‍व मिलेगा

8. हमारे देश में सैन्‍य संसाधनों की चर्चा चल रही है. हमारी जल, थल और नभ सेना के बीच बेहतर सामंजस्‍य है. उस पर हम गर्व कर सकते हैं, लेकिन आज दुनिया बदल रही है, युद्ध के मायने बदल रहे हैं, भारत को भी पूरी सैन्‍य शक्‍त को एकमुश्‍त होकर आगे बढ़ना होगा 

9. आतंकवाद को एक्‍सपोर्ट करने वाले देशों का नकाब उतारना है. हमारे पड़ोस के देशों को भी आतंकवाद से तबाह करने की कोशिश की जा रही है. आतंकवाद के खिलाफ जब हम लड़ाई लड़ते हैं तो पूरे भूभाग से आतंकवाद को मिटाने का संकल्‍प लेकर लड़ते हैं

10. शांति और सुरक्षा विकास के अहम पहलू हैं. दुनिया में आजकल खतरा बढ़ गया है. भारत को विश्‍व शांति में अपनी भूमिका अदा करनी ही होगी. भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है. यह मानवता के खिलाफ युद्ध है

11. हमारी सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण किया और विकास दर में बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई है 

12. हमारे हर जिले में एक्‍सपोर्ट हब होना चाहिए, हर जिले की खास पहचान है, कहीं मिठाई मशहूर है तो कहीं का फर्नीचर. अगर यही बात हम दुनिया को बताएंगे तो रोजगार मिलेगा 

13. जब हम सपना देखते हैं कि किसान की आय दोगुनी होनी चाहिए, गरीब से गरीब परिवारों का भी पक्‍का घर होना चाहिए, हर घर में बिजली होनी चाहिए, हर गांव में ऑप्‍टिकल फाइबर नेटवर्क हो, हमारे मछुआरे भाइयों-बहनों को हम ताकत दें, हमारा किसान अन्‍नदाता है, दुनिया में उसका डंका क्‍यों न बजे 

14. 70 साल में हम 2 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बने थे, लेकिन 2014 से 2019 के बीच हम 3 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बन गए. अब अगले 5 साल में हमें 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनानी है

15. 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉकी का हमने सपना संजोया है. कइयों को यह मुश्‍किल लगता है, लेकिन मुश्‍किल काम नहीं करेंगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा
पहले लोग मोबाइल फोन की बात करते थे, बाद में डेटा स्‍पीड की चर्चा होने लगी, फिर प्‍लान पर चर्चा होने लगी. यही आकांक्षी भारत है

16. रेलवे स्‍टेशन से लोग संतुष्‍ट नहीं हैं, अब लोग एयरपोर्ट की बात करने लगे हैं.

17. आज वक्‍त बदल चुका है. लोग रेलवे स्‍टेशन से संतुष्‍ट नहीं है. वह पूछते हैं वंदे भारत एक्‍सप्रेस हमारे यहां कब से शुरू होगी

18. हमारा देश आगे बढ़े, उसके लिए इक्रीमेंटल प्रोग्रेस करनी होगी. सामान्‍य मानवी का सपना अच्‍छी व्‍यवस्‍था से पूरा होता है, हमने तय किया है कि इन कालखंड सौ लाख करोड़ रुपये आधुनिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में लगाए जाएंगे

19. हमने पिछले 5 साल में रोज मैंने एक गैरजरूरी कानून खत्‍म किया था. 1450 कानून खत्‍म किए गए. ईज ऑफ लिविंग पर बल देना चाहते हैं, उसको आगे ले जाना चाहते हैं

20. सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए, ऐसा ईको सिस्‍टम होना चाहिए कि लोग सरकार से इतर सोच सकें, हम सपनों को लेकर आगे बढ़ें और सरकार जनता का साथी बनकर हर पल मौजूद हो. केंद्र सरकार ने कई ऐसे अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया, उनसे कह दिया गया है कि अब हमें आपकी जरूरत नहीं है

21. भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद हमारे जीवन में घुस गया है. उस पर लगाम लगाने को हम लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बीमारी इतनी फैली हुई है कि इसे निरंतर करना होगा. एक बार करने से यह बीमारी दूर नहीं होगी

22. एक सामाजिक जागरूकता की जरूरत है. जिन लोगों ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है, उनका सम्‍मान करने की जरूरत है. जनसंख्‍या विस्‍फोट पर लगाम लगाना ही होगा. चाहे राज्‍य हो या केंद्र सरकार सभी को इस बारे में मिलकर काम करना होगा

23. जनसंख्‍या विस्‍फोट हमारे लिए आने वाली पीढ़ी के लिए बड़ा संकट बनकर उभर रहा है. छोटा परिवार रखने वाले एक तरह से देशभक्‍ति की अभिव्‍यक्‍ति करते हैं. किसी भी शिशु के आने से पहले हम सोचें कि क्‍या उसकी जरूरत पूरी करने में हम सक्षम हैं कि नहीं

24. अब हमारा देश उस दौर में पहुंचा है, जिनमें बहुत सी बातों को छुपाए रखने की जरूरत नहीं है. चुनौतियों को स्‍वीकार करने का वक्‍त आ गया है. नफा-नुकसान की राजनीति से देश को नुकसान होता है. अब हम जनसंख्‍या विस्‍फोट की चुनौती से जूझ रहे हैं.

25. 100 साल पहले एक गुजराती संत ने कहा था, पानी किराने की दुकान से लेना पड़ेगा, एक दिन ऐसा समय आएगा, आज वही समय है
पानी के लिए पिछले 70 साल में जो काम हुआ है, हमें उससे भी कई गुना काम 5 साल में करना होगा

26. आने वाले दिनों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक इस पर खर्च होंगे, समुद्री पानी का ट्रीटमेंट, बारिश या बाढ़ का पानी बचाने का अभियान लोगों में जागरूकता, पानी के स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए हम लगातार आगे बढ़ेंगे

27. ऐसे में हमारे घर में जल कैसे पहुंचे, पीने का पानी कैसे मिले, इसलिए मैं लाल किले से कहता हूं कि हम जल जीवन मिशन को लेकर आगे बढ़ेंगे

28. आजादी के 70 साल हो गए, बहुत से काम सरकारों ने अपने-अपने हिसाब से किए, लेकिन यह भी सच्‍चाई है कि आज हिन्‍दुस्‍तान में आधे घर ऐसे हैं, जिनमें पीने का पानी उपलब्‍ध नहीं है, इसके लिए मशक्‍कत करनी पड़ती है, माताओं-बहनों को सिर पर मटका लेकर 5-5 किलोमीटर तक जाना पड़ा है

29. वन नेशन वन ग्रिड, वन नेशन वन राशन कार्ड के अलावा अब वन नेशन वन इलेक्‍शन की चर्चा चल पड़ी है
संविधान निर्माताओं ने देश की एकता के लिए हिम्‍मत के साथ बड़े फैसले लिए, आज जब मैं यहां से देश को संबोधित कर रहा हूं तो देशवासी गर्व के साथ कह सकते हैं कि एक देश एक संविधान के बारे में कह सकता है

30.  जम्‍मू-कश्‍मीर का सामान्‍य नागरिक भी अब दिल्‍ली की सरकार से सवाल पूछ सकता है. भारत विभाजन हुआ, लाखों करोड़ों लोग आए, जो जम्‍मू-कश्‍मीर में बस गए उन्‍हें कोई अधिकार नहीं मिला. उनमें हमारे पहाड़ी भाई बहन भी हैं

31. पिछले 70 साल में आतंकवाद, भ्रष्‍टाचार ने जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों को अधिकारों से वंचित कर दिया था. वहां के गुजर, बकरवाल, गद्दी आदि लोगों को भी राजनीतिक अधिकार मिलने चाहिए थे. उनके सपनों को कुचल दिया गया था

32. जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लोगों की उम्‍मीदें पूरी हों, यह हमारा दायित्‍व है, इसके लिए 130 करोड़ देशवासियों ने इस जिम्‍मेदारी को उठाया है

33. देशवासियों ने मुझे ये काम दिया और मैं आपका ही काम करने आया हूं. मेरा अपना कुछ भी नहीं है

34. हम समस्‍याओं को टालते भी नहीं हैं और न ही पालते हैं. जो काम 70 में नहीं हुआ, नई सरकार में 70 दिन के भीतर अनुच्‍छेद 370 और 35A को हटाने का काम संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया

35. वे कभी भी तीन तलाक की शिकार हो सकती है, ये भय उन्‍हें जीने नहीं देता था. दुनिया के कई इस्‍लामिक देश इस कुप्रथा को खत्‍म कर चुके थे, लेकिन किसी कारण से हम ऐसा करने से हिचकिचाते थे. अगर हम सती प्रथा को खत्‍म कर सकते हैं, भ्रूण हत्‍या को रोक सकते हैं तो क्‍यों न हम तीन तलाक के खिलाफ भी आवाज उठाएं

36. जब हम समस्‍याओं का समाधान सोचते हैं तो टुकड़ों में नहीं सोचना चाहिए. हमें समस्‍याओं को जड़ों से मिटाने की कोशिश करनी चाहिए. हमारी मुस्‍लिम बेटियां, हमारी बहनें उन पर तीन तलाक की तलवार लटकती रहती थी

37. समाधान हो, संकल्‍प हो, स्‍वाभिमान हो, स्‍वावलंबन हो तो देश के विकास के आड़े कुछ भी नहीं आता है

38. जब समस्‍याओं का समाधान होता है स्‍वावलंबन का भाव पैदा होता है, जब स्‍वावलंबन होता है तो अपने आप स्‍वाभिमान उजागर होता है

39. इस चुनाव में मैंने देखा, न मोदी चुनाव लड़ रहा था न विपक्ष चुनाव लड़ रहा था, बल्‍कि जनता चुनाव लड़ रही थी
लोगों में इच्छा थी कि हम भी देश बदल सकते हैं. 130 करोड़ लोगों ने हमें नई ताकत दी, नया विश्‍वास दिया. सबका साथ, सबका विकास का नारा लेकर चले थे, लेकिन 5 साल में ही सबका विश्‍वास भी हमें हासिल हो गया

40. 10 हफ्ते के भीतर ही जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 का हटना, 35ए का हटना सरदार वल्‍लभ भाई के सपनों को पूरा करने जैसा है. तीन तलाक को हटाने का काम किया गया है

41. आज जब देश आजादी का पर्व मना रहा है, उसी समय देश के कई इलाकों में बाढ़ के कारण लोग कठिनाई से जूझ रहे हैं. कइयों ने जान गंवाई है, मैं उनके लिए संवेदना प्रकट करता हूं. हालात सामान्‍य कैसे हों, उसके लिए दिन-रात प्रयास हो रहे हैं.