शशिकला की जयललिता से 'दोस्ती', पढ़ें पहली बार दोनों की कब हुई थी मुलाकात
एआईएडीएमके ने कहा, 'चिन्नम्मा (शशिकला नटराजन) तमिलनाडु की अगली मुख्यमंत्री बनेंगी।'
नई दिल्ली:
तमिलनाडु में बड़े सियासी घटनाक्रम के बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने शशिकला नटराजन को विधायक दल का नेता चुन लिया है। इसके साथ ही मौजूदा मुख्यमंत्री ओ पी पनीरसेल्वम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एआईएडीएमके ने कहा, 'चिन्नम्मा (शशिकला नटराजन) तमिलनाडु की अगली मुख्यमंत्री बनेंगी।'
जयललिता का जीवन जितने रहस्यों से भरा था, उतना ही उनका शशिकला नटराजन से रिश्ता भी रहस्यमय था। जयललिता जबसे राजनीति में आई थीं, तब से शशिकला उनके आसपास साये की तरह मौजूद रहती थीं। चाहे वो चुनाव प्रचार हो या चुनाव से जुड़ा कोई काम या फिर घर का कोई निजी कार्यक्रम ही क्यों ना हो, शशिकला हर जगह जयललिता के साथ नजर आती थीं। इतना ही नहीं जयललिता पार्टी बैठक के दौरान भी शशिकला के साथ ही रहती थीं।
वीडियो पार्लर चलाती थीं शशिकला
जयललिता की शशिकला से मुलाकात 80 के दशक में उस वक्त हुई थी, जब शशिकला वीडियो पार्लर चलाती थी और शादी सहित अन्य कार्यक्रम का वीडियो बनवाती थी। ऐसे ही किसी कार्यक्रम में पहली बार शशिकला से मिली थी, जिसके बाद दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि जयललिता सत्ता में आने के बाद भी शशिकला के साथ ही रहने लगी थीं।
पार्टी के हर फैसले में अहम भूमिका
लगभग तीन दशकों तक जयललिता के साथ रही शशिकला का प्रभाव इतना बढ़ चुका था कि वो खुद तय करती थीं कि कौन जयललिता से मिल सकता है और कौन नहीं। पार्टी के हर फैसले में भी शशिकला की अहम भूमिका होने लगी थी।
शशिकला के परिवार को अपना मानती थी जयललिता
शशिकला जयललिता के दिल के इतने करीब पहुंच चुकी थी कि जयललिता शशिकला के परिवार को अपना परिवार तक मानने लगी थीं और शशिकला के भतीजे को अपना बेटा मानने लगी थी।
शादी पर खर्च किए 100 करोड़
शशिकला के भतीजे वीएन सुधाकरन की शादी से ही जयललिता चर्चा में आ गईं थीं। जयललिता ने इस शादी पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए थे और करीब 1 लाख से ज्यादा लोग इस शादी में शामिल हुए थे। बाद में शादी में इतने खर्चे को लेकर कई विवाद भी हुए थे और जयललिता पर भ्रष्टाचार करने का आरोप भी लगा था।
दोस्ती में दो बार आई थी दरार
80 के दशक से चल रही दोनों की दोस्ती में पहली बार दरार 1996 में आई थी। जयललिता ने शशिकला के परिवार वालों पर उनके इमेज को नुकसाने पहुंचाने का आरोप लगाया था। इस झगड़े का परिणाम ये हुआ कि जयललिता की पार्टी 1996 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई। हालांकि कुछ ही दिनों के बाद शशिकला फिर से जयललिता के साथ आ गई थीं।
शशिकला को पार्टी से बाहर निकाला
शशिकला और जयललिता के बीच रिश्ते साल 2010 के बाद फिर खराब होने लगे। साल 2012 में सीएम जयललिता ने पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में शशिकला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। जयललिता सीएम आवास में अकेले रहने लगीं थी। जयललिता को ऐसा शक होने लगा था कि शशिकला उन्हें हटा कर खुद प्रदेश की मुख्यमंत्री बनना चाहती थी।
अस्पताल में की देखभाल
जयललिता की मौत से करीब ढाई महीने पहले जब जयललिता अस्पताल में भर्ती हुई थी, तबसे शशिकला हमेशा उनके पास ही रहीं और जयललिता के निधन पर शशिकला को कई बार भावुक होकर रोते हुए भी देखा गया है।
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