12 प्वाइंट्स में जानें क्या होती है चुनाव आचार संहिता, सभी पार्टियों को करना पड़ता है इसका पालन, 5 राज्यों में आज से लागू

देश में इस साल यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो गई।

देश में इस साल यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो गई।

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Aditi Singh
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12 प्वाइंट्स में जानें क्या होती है चुनाव आचार संहिता, सभी पार्टियों को करना पड़ता है इसका पालन, 5 राज्यों में आज से लागू

साभार: गूगल

देश में इस साल यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही पार्टी और उम्मीदवारों को आचार संहिता का पालन करना पड़ता है। आचार संहिता के उल्लंधन करने पर चुनाव या उम्मीदवारी निरस्त भी की जा सकती है। जानिए क्या होती है आचार संहिता

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1-विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा के चुनाव के दौरान केंद्र व राज्य सरकारें अपवाद को छोड़कर किसी भी तरह का सरकारी दौरा, सरकारी गाड़ी या एयर क्राफ्ट का प्रयोग चुनाव के लिए करना मना होता है।

2-सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जा सकता। प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं हो सकता।

3-चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही कोई भी सरकार, मंत्री, अधिकारी किसी भी नई योजना की घोषणा नहीं कर सकते है। साथ ही उम्मीदवार और पार्टी को अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए पुलिस प्रशासन से अनुमति लेनी होती है।

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4-इस दौरान कोई भी दल जाति, धर्म या भाषा के व डरा-धमकाकर वोट नहीं मांग सकता। कोई भी ऐसा कमा नहीं कर सकता जिससे लोगों में मतभेद बढ़ने की संभावना हो।

5-चुनाव प्रचार के मंच के तौर पर किसी भी धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद आदि का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।

6-साथ ही वोटिंग के दिन 100 मीटर के दायरे में वोटर को प्रचार करने की मनाही होती है। साथ ही वोटिंग के दिन से 48 घंटे पहले रैली करना मना होता है।

7-आचार संहिता लागू होने के बाद किसी की निजता पर बयान करना भी उल्लंघन माना जाता है। उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टी किसी निजी व्यक्ति की ज़मीन, बिल्डिंग, दीवार का इस्तेमाल बिना इजाजत के नहीं कर सकते।

8-राजनीतिक दल एक-दूसरे की पार्टी की जनसभाओं को बाधित नहीं कर सकती है। ऐसी परेशानी से बचने के लिए राजनीतिक दल पुलिस प्रशासन से मदद ले सकता है।

9-कोई भी जनसभा का आयोजन करने पर उसके समय और जगह के लिए पुलिस प्रशासन से अनुमति लेना बहुत जरूरी होता है।

10-इलाके में लागू निषेधाज्ञा ले छूट व लाउडस्पीकर के प्रयोग के लिए भी पुलिस से अनुमति लेना होता है। लाउडस्पीकर का प्रयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक वर्जित होता है।

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11-जुलूस निकालने के लिए भी राजनीतिक दलों को पुलिस से अनुमति लेनी जरुरी होती है। ताकि दो दलों के जुलूस आपस में न टकराएं। किसी भी स्थिति में किसी के पुतला जलाने की इजाज़त नहीं होगी।

12-राजनीतिक पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र देना जरुरू होता है मतदान केंद्र पर गैर जरूरी भीड़ जमा न हों। मतदाता को छोड़ कोई दूसरा जिन्हें चुनाव आयोग ने अनुमति नहीं दी है मतदान केंद्र पर नहीं जा सकता है।

Source : News Nation Bureau

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