Fani Cyclone: आखिर 'फानी' का मतलब क्या है, जानें तूफानों के नाम की रोचक कहानी

पिछले साल 2018 में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान को 'तितली' नाम दिया गया था. उस तूफान को 'तितली' नाम पाकिस्तान ने दिया था.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
Fani Cyclone: आखिर 'फानी' का मतलब क्या है, जानें तूफानों के नाम की रोचक कहानी

File Pic

Fani Cyclone: बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'फानी' (Fani) ओडिशा के पुरी में पहुंच चुका है ओडिशा, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में यह तूफान 'बेहद खतरनाक चक्रवात' का रूप ले सकता है. इससे बचने के लिए मछुआरों को ओडिशा व पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके के मछुआरों को दो मई से समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई थी. सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और भारतीय तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा है. अब 'फानी' साल 2019 में आने वाले पहले तूफान का नाम 'फानी' (Phani Cyclone) दिया गया है. वहीं, पिछले साल 2018 में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान को 'तितली' नाम दिया गया था. उस तूफान को 'तितली' नाम पाकिस्तान ने दिया था. आइये हम आपको बताते हैं कैसे इन तूफानों का नाम दिया जाता है और कौन इन्हें ये नाम देता है.

Advertisment

ऐसे तय होता है तूफान का नाम
विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन ने सबसे पहले चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की शुरुआत की थी. भारत में यह प्रथा साल 2004 से शुरू हुई. भारत के साथ-साथ श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया. इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार इन चक्रवाती तूफानों के नाम रखे जाते हैं.

इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है. इसमें भारत ने 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए. वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए. इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.

अगर इन आठ देशों में चक्रवाती तूफान आता है तो भेजे गए नामों में बारी-बारी एक नाम चुना जाता है. भारत में 10 साल तक किसी एक तूफान के नाम का दोबारा इस्‍तेमाल नहीं किया जाता. साथ ही ज्‍यादा तबाही मचाने वाले चक्रवातों के नाम को निरस्‍त कर दिए जाते हैं. इस बार बांग्लादेश के सुझाव पर तूफान का नाम 'फानी' रखा गया है.

अगर बात यूरोपीय देशों की हो तो अमेरिका हर साल तूफानों के 21 नामों की सूची तैयार करता है. क्योंकि अंग्रेजी के Q,U,X,Y और Z अल्‍फाबेट से तूफान का नाम रखने की परंपरा नहीं है. इसलिए अगर एक साल में 21 से ज्‍यादा तूफान आ जाएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्‍फाबेट अल्‍फा, बीटा, गामा के नाम से रख दिया जाता है. ये नाम ऑड-ईवन फॉर्मूले पर रखे जाते हैं. ऑड नंबर वाले वर्ष में चक्रवाती तूफानों के नाम औरतों के नाम पर रखे जाते हैं, जबकि ईवन सालों में आए तूफान के नाम पुरुषों के नाम पर आधारित होते हैं.

बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान 'फानी' अब ओडिशा पहुंच चुका है, 175 किमी/घंटा की रफ्तार से आए इस तूफान से बचने के लिए ओडिशा ने पहले से ही तैयारी कर रखी है. 'फोनी' से पहले आपने बिजली, निलोफर, जल और हुदहुद आदि नाम के तूफानों के नाम सुने होंगे. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भी सोचा कि ऐसे में क्या कभी सोचा कि इनका नाम ऐसे क्यों और कौन रखता है. अगर नहीं तो आज जानिए फोनी के मतलब के साथ-साथ इनके नाम रखने का पूरा तरीका.

जानिए क्या होता है 'फानी' का मतलब
'फानी' का मतलब सांप होता है. यह तूफान तूफान उत्तर हिंद महासागर में उठ रहा है. ऐसे में इसका नाम रखने की जिम्मेदारी इस क्षेत्र में आनेवाले देशों की थी इस क्षेत्र में बांग्लादेश भी शामिल है इसलिए इस तूफान का नामकरण बांग्लादेश ने किया और इसका नाम 'फानी' रखा.

यूरोपीय तूफानों के नामों में है कन्फ्यूजन 
अगर आप हरीकेन्स, टाइफून्स, साइक्लोन्स आदि के नाम सुनकर कन्फ्यूज हो जाते हैं तो सबसे पहले जान लीजिए ये सभी उष्णकटिबंधीय तूफान के ही नाम हैं. फानी भी इन्हीं का एक प्रकार है. दरअसल, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उष्णकटिबंधीय तूफान को इन अलग-अलग नामों से जाना जाता है.

हर तूफान का नहीं रखा जाता नाम
अगर देखा जाए तो आधिकारिक तौर पर तूफानों का नाम रखने की प्रथा 1953 में शुरू हुई. यहां हम आपको बता दें कि हर तूफान का नाम नहीं रखा जाता है. सिर्फ उसी तूफान का नाम रखा जाता है जिसकी स्पीड 63 किमी/घंटा हो इसके अलावा जिसकी रफ्तार 118 कीमी/घंटा तक चली जाए उन्हें गंभीर तूफान कहा जाता है वहीं 221 किमी/घंटा की रफ्तार वाले तूफान को सुपर चक्रवाती तूफान कहा जाता है.

ऐसे काम करता है नामकरण का ये नियम
सबसे पहले तूफानों को नाम देने के लिए यूएन की वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाजेशन ने नियम तैयार किए गए थे. जिसके मुताबिक जिस इलाके में तूफान आएगा वहां की क्षेत्रीय एजेंसियां ही इसका नामकरण करेंगी. इसका तरीके यह बताया जाता है कि साल के पहले तूफान को A फिर अगले तूफान को B से नाम दिया जाएगा. ईवन नंबर वाले साल (जैसे 2020) को पुरुष नामों में से कोई दिया जाएगा। वहीं ऑड सालों (जैसे 2019) में महिलाओं के नाम पर तूफान को नाम मिलेगा.

Source : News Nation Bureau

ndrf bijli Hudhud Cyclone Nelopher Cyclone Aakash Cyclone World Meteorological Organization Bay of Bengal Megh Fani cyclone Faini Cyclone Agni Titili Cyclone Phani Cyclone Bulbul Cyclone
      
Advertisment