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जानें गांधी परिवार से SPG वापस लेने के बाद फिर कौन सी मिलेगी सिक्योरिटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, - पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक बेटी नमिता भट्टाचार्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दो बच्चे राहुल और प्रियंका गांधी की सुरक्षा करती है.

Updated on: 08 Nov 2019, 04:58 PM

New Delhi:

शुक्रवार को बीजेपी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा की समीक्षा करते हुए SPG को वापस लेने की सिफारिश की है. सूत्रों का कहना है कि यह सिफारिश अगर मान ली गई तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से SPG सुरक्षा वापस ले ली जाएगी. इससे पहले मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी.

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किस-किस को मिली अब तक SPG

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उनकी पत्नी गुरशरण कौर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनकी दत्तक बेटी नमिता भट्टाचार्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दो बच्चे राहुल और प्रियंका गांधी की सुरक्षा करती है. इसके जवान पीएम को 24 घंटे एक विशेष सुरक्षा घेरा प्रदान करते हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, देश के अन्य हिस्से, तथा विदेशी दौरों पर, हर स्थान पर, हर क्षण, प्रधानमंत्री की अंगरक्षा एवं किसी भी प्रकार के हमले से उनकी सुरक्षा, SPG की ज़िम्मेदारी होती है. इसके अलावा SPG, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा हर वह स्थान जहां प्रधानमंत्री रहते हैं, उनकी सुरक्षा करती है.

अगर वापस ली गई SPG तो कौन सी मिलेगी सिक्योरिटी

सूत्रों का कहना है कि यह सिफारिश अगर मान ली गई तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को Z+ CPPF की सुरक्षा प्रदान की जाएगी. इससे पहले मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी.

क्या है Z+ सुरक्षा

जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देश की स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप के बाद दूसरे नंबर की सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. इस सुरक्षा व्यवस्था में 55 सुरक्षा कर्मी सुरक्षा के लिए मौजूद होते हैं. 55 लोगों में 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं. इसके अलावा पुलिस ऑफिसर होते हैं. इस सुरक्षा में पहले घेरे की ज़िम्मेदारी एनएसजी की होती है जबकि दूसरी परत एसपीजी कमांडो की होती है. इसके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी ज़ेड प्लस सुरक्षा श्रेणी में शामिल रहते हैं. साथ ही Z+ सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं.

जेड श्रेणी की सुरक्षा

जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं. इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं.

इसलिए हुआ एसपीजी का गठन

1981 से पहले तक भारत के प्रधानमंत्री और उनके आवास के सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व वाली स्पेशल सिक्योरिटी के हाथों में थी. अक्टूबर 1981 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के कहने पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया गया. जो दिल्ली के अंदर और बाहर पीएम को सुरक्षा मुहैया करवाते थे. अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद पीएम की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया गया.

इसके लिए सचिवों की समिति ने पीएम की सुरक्षा का रिव्यू किया. निर्णय लिया गया कि पीएम की सुरक्षा को एक स्पेशल ग्रुप को दिया जाए जिसमें एक निर्दिष्ट अधिकारी का संगठित और प्रत्यक्ष नियंत्रण हो और एसटीएफ दिल्ली और दिल्ली से बाहर पीएम को तत्काल सुरक्षा देगी. इसी वजह से एसपीजी का गठन हुआ. यह एक स्वतंत्र निर्देशक के अंतर्गत स्थापित किया गया जो दिल्ली, देश और दुनिया के हर कोने में जहां भी प्रधानमंत्री जाएं वहां उनको सुरक्षा प्रदान करेंगे.

SPG कमांडो में क्या है खास

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी फोर्स के कमांडो खास मौकों पर ही सूट में दिखाई देते हैं. ये FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं, जो की एक फुली ऑटोमैटिक गन है. साथ ही, कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं और साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयरप्लग या फिर वॉकी टॉकी का सहारा लेते हैं.
1- एसपीजी सुरक्षा के लिए एल्बो और नी गार्ड पहनते है.
2- एसपीजी कमांडो के जूते भी इस तरह बने होते हैं कि किसी भी जमीन पर फिसले नहीं.
3- हाथ में खास तरह के दस्ताने होते हैं, जो कमांडो को चोट लगने से बचाते हैं.
4- एसपीजी कमांडो द्वारा पहने जाने वाला चश्मा भी इस तरह बना होता है कि लड़ाई के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो. मुख्यता यह चश्मा कमांडो कहां देख रहा है इस बात से दुश्मन को बेखबर रखने का  काम भी करता है.

पीएम की सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा एसपीजी कमांडो तैनात रहते हैं. इन कमांडो को भारतीय सेना और पुलिस बल से चुना जाता है. जिसके बाद इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी की खासियत यह होती है कि ड्राइवर से लेकर निजी बॉडीगर्ड तक एसपीजी के ही होते हैं. इन्हें चेहरे पर किसी भी तरह के भाव दिखाने की मनाही होती है. इनके पास एफएन हर्सटल फाइव-सेवन बंदूक और ग्लॉक 12 के विशेष तरह के दस्ताने होते हैं जो इन्हें चोट लगने से बचाते हैं.