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नहीं समझ आ रहा जीएसटी, पढ़ें और जाने क्या होगा फ़ायदा

जीएसटी आने के बाद कुछ समय तक लोगों को दिक्कतें आएंगी। लेकिन जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार होता जाएगा जीएसटी से लोगों को फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

Updated on: 01 Jul 2017, 11:21 AM

highlights

  • जीएसटी मतलब देशभर में हर समान और सेवा के लिए सिर्फ एक टैक्स होगा
  • जीएसटी बिल का सबसे ज्यादा फायदा देश की आम जनता को होगा
  • जीएसटी के तहत पूरे देश में माल बेचने या फिर उसकी सप्लाई करने वालों को हर राज्य में तीन अगल-अलग रजिस्ट्रेशन कराने होंगे

नई दिल्ली:

जीएसटी मतलब देशभर में हर समान और सेवा के लिए सिर्फ एक टैक्स होगा। जानकारों का कहना है कि जीएसटी बिल का सबसे ज्यादा फायदा देश की आम जनता को होगा। जीएसटी आने के बाद कुछ समय तक लोगों को दिक्कतें आएंगी। लेकिन जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार होता जाएगा जीएसटी से लोगों को फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स, स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।

देश में आप कहीं भी सामान खरीदें टैक्स एक जैसा ही देना होगा। जीएसटी में कुल तीन तरह के टैक्स हैं, सेंट्रल, स्टेट और इंटीग्रेटेड टैक्स।

जीएसटी के तहत पूरे देश में माल बेचने या फिर उसकी सप्लाई करने वालों को हर राज्य में तीन अगल-अलग रजिस्ट्रेशन कराने होंगे और अलग-अलग रिटर्न भरते हुए टैक्स का हिसाब रखना होगा।

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वहीं कोई कंपनी अगर अलग-अलग तरह के कारोबार कर रही है तो उसे हर कारोबार के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

जीएसटी लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा और काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे। साथ ही कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी।

एक ही व्यक्ति या संस्था पर कई बार टैक्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ़ जीएसटी के ज़रिये सारे टैक्स वसूल कर लिए जाएंगे। साथ ही जब कई राज्यों में राजस्व बढ़ेगा तो कीमतों में कमी भी आएगी।

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दाम कम होने से भारत में बने प्रोडक्ट दूसरे देशों में प्रतिस्पर्धी होंगे। इसका फायदा निर्यात में भी दिखेगा। निवेश का वातावरण बेहतर होने से एफडीआई आएगा। सरकार का अनुमान है कि जीएसटी लागू होने के बाद जीडीपी ग्रोथ रेट 1.5 से 2% तक बढ़ जाएगी।

पेट्रोल व डीजल से कई राज्यों का आधा बजट चलता है। इसलिए इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

नए टैक्स सिस्टम के तहत कई जरूरी चीजों की कीमतें कम हो सकती हैं। अनाज और दूध को टैक्स मुक्त कर दिया गया है। प्रोसेस्ड फूड भी सस्ते हो जाएंगे। साथ ही छोटी और मध्यम वर्ग की कारों की दाम भी कम होगी।

जीएसटी काउंसिल ने 1,211 आइटम्स को 18 पर्सेंट के टैक्स स्लैब में रखा है।

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आइए अब एक नज़र डालते हैं कि कौन-कौन सी चीज़ें सस्ती होंगी।

खान-पान के समान में मिल्क पाउडर, पनीर, चाय, दही, छाछ, गैर-ब्रांडेड शहद, आटा, मूंगफली तेल, तिल का तेल, डेयरी स्प्रेड, मसाले, चावल, गेहूं, सरसों तेल, नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल, शुगर कन्फेक्शनरी, शुगर, गुड़, नूडल्स, स्पाघेटी, पास्ता, मकरोनी, फल और सब्जियां, अचार, मिठाइयां, मुरब्बा, बर्फ, खंडसारी, बिस्किट्स, रायसिन ऐंड गम, बेकिंग पाउडर, नकली मक्खन, काजू, चटनी, केचअप, सॉसेज, टॉपिंग्स ऐंड स्प्रेड्स, इंस्टैंट फूड मिक्स, मिनरल वॉटर

दैनिक उपयोग के सामान भी सस्ते होंगे।

टूथपेस्ट, दंतमंजन, हेयर ऑइल, काजल, एलीपीजी स्टोव, प्लास्टिक तिरपाल, नहाने का साबुन, हेयर ऑइल, डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, टिशू पेपर्स, नैपकिन्स, माचिस, कैंडल्स, कोयला, केरोसिन, घरेलू एलपीजी गैस, चम्मच, कांटे, करछुल, स्किमर्स, केक सर्वर्स, मछली का चाकू, चिमटा, अगरबत्ती

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स्टेशनरी के सामान भी सस्ते होंगे।

एक्सरसाइज बुक्स, पिक्चर, ड्रॉइंग और कलर बुक्स, चर्मपत्र, कार्बन पेपर, प्रिंटर्स, नोटबुक्स, सभी तरह के पेपर, ग्राफ पेपर, स्कूल बैग, पेन

हेल्थकेयर में भी कुछ सामानों के दाम घटेंगे
एक्सरे फिल्म्स , इन्सुलिन, डायग्नोस्टिक किट्स, नजर के चश्मों के लिए ग्लास, डायबिटीज और कैंसर की दवाएं

कपड़े और फुटवियर भी सस्ते होंगे
500 रुपये से कम के फुटवियर, सिल्क, वूलन फैब्रिक, गांधी टोपी, खादी यार्न

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