जानिए योगी आदित्यनाथ के महंत से सीएम बनने तक में गोरखनाथ पीठ की क्या है भूमिका ?

गोरखनाथ मंदिर के महंत पद से योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के मुख्यमंत्री पद तक पहुंच चुके हैं

गोरखनाथ मंदिर के महंत पद से योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के मुख्यमंत्री पद तक पहुंच चुके हैं

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kunal kaushal
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जानिए योगी आदित्यनाथ के महंत से सीएम बनने तक में गोरखनाथ पीठ की क्या है भूमिका ?

गोरखनाथ मंदिर

गोरखनाथ मंदिर के महंत पद से योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के मुख्यमंत्री पद तक पहुंच चुके हैं। इसमें गोरखनाथ मंदिर की भी अहम भूमिका है। खासकर यूपी के पूर्वांचल में इस मंदिर को राजनीतिक शक्ति का केंद्र भी माना जाता है।

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गोरखपुर के गोरक्ष पीठ का यहां की राजनीति में बेहद प्रभाव रहा है। गोरखनाथ मठ में नेपाल के कुल गुरू माने जाने वाले बाबा गोरखनाथ की मूर्ति लगी हुई है।

जानिए गोरखनाथ मंदिर की कुछ दिलचस्प बातें जो आप शायद नहीं जानते होंगे

1.ऐसी मान्यता है कि भारत में 600 से 1200 ईस्वी के बीच गोरखकालीन समय माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक ज्वालादेवी के स्थान से घूमते हुए गोरक्षनाथ जी ने आकर भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्र में तपस्या की थी और उसी स्थान पर समाधि ली थी। वहीं पर मंदिर बनवाया गया जो गोरखनाथ या गोरक्षनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।

2. खासबात ये है कि इसी मठ के नाम पर ही गोरखपुर शहर का नाम भी रखा गया है। गोरखनाथ मठ सिर्फ भारत में नहीं चीन से लेकर तिब्बत तक में फैला हुआ है। चीन के अलावा बाली, जावा, भूटान, पेशावर के अलावा नेपाल के मृग स्थली में भी गोरक्षपीठ है। ऐसा मान जाता है कि इस मठ का महंत बनना मतलब पूरे मठ की शक्ति संचालक की भूमिका होती है।

3. 1967 में गोरखनाथ पीठ के तत्कालीन प्रमुख महंत दिग्विजयनाथ हिन्दू महासभा के टिकट पर सांसद बने थे।

4. गोरखनाथ मठ के महंत और योगी आदित्यनाथ के गुरू माने जाने वाले अवैद्यनाथ यहां 1962 से 1977 तक लगातार विधायक रहे थे। उसके बाद अवैद्यनाथ राम जन्म भूमि आंदोलने के अग्रणी नेता बन गए थे।

5. गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ 1970, 1989, 1991 और 1996 में लोकसभा में गोरखपुर के सांसद के तौर पर भी पहुंचे थे।

6. साल 1994 में अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यानाथ को मठ का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। इसके बाद गोरखपुर से बीजेपी के टिकट पर आदित्यनाथ 5 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।

7. यहां ऐसी मान्यता है कि शिव गोरक्ष ने त्रेता युग में जो यहां अखंड ज्योति जलाई थी वो आज तक अखंड रूप से जल रही है। यह अखंड ज्योति श्री गोरखनाथ मंदिर के अंतरवर्ती भाग में स्थित है।

8. गोरखनाथ मंदिर के लिए मकर संक्रांति का दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन यहां खिचड़ी मेला लगता है जिसको देखने के लिए आसपास के ही लोग नहीं बल्कि देश-विदेश के लोग भी आते हैं।

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इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि ये करीब 52 एकड़ में फैला है। मंदिर परिसर में गरीबों के इलाज के लिए अस्पताल और गायों के लिए गौशाला भी है। जहां करीब 200 गायों की सेवा की जाती है।

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Source : News Nation Bureau

Yogi Adityanath Uttar Pradesh Gorakhnath Temple
      
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