यूपी में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत का जितना श्रेय नरेंद्र मोदी को जाता है उतना ही श्रेय उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भी जाता है। शायद इसी मेहनत की वजह से पार्टी ने उन्हें इसका ईनाम भी दिया है।
मौर्य आज लखनऊ में डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। ओबीसी समुदाय से आने वाले केशव प्रसाद का जन्म 7 मई 1969 को इलाहाबाद के रिराथू में हुआ था। 48 साल के मौर्य यूपी में ओबीसी समुदाये के बड़े चेहरे के तौर पर उभरे हैं। पीएम मोदी की तरह ही गरीबी में पले केशव प्रसाद मौर्य भी अपने बचपन के दिनों में एक स्कूल के बाहर चाय और अखबार बेचा करते थे।
सिर्फ 14 साल की उम्र में केशव प्रसाद मौर्य विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ गए थे और दिवंगत अशोक सिंघल के बेहद प्रिय भी थे। मौर्य इसके बाद आरएसएस के संगठन से भी जुड़ गए। केशव के संबंधियों के मुताबिक वो करीब 12 सालों तक अपने घर से पूरी तरह दूर रहे थे।
मौर्य का राजनीतिक करियर
केशव प्रसाद मौर्य ने साल 2002 में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत बीजेपी से की। पार्टी ने उन्हें इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा था लेकिन वो चुनाव हार गए।
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इसके बाद साल 2007 में भी मौर्य को चुनाव में सफलता नहीं मिली। हालांकि साल 2012 में समजवादी पार्टी की लहर के बावजूद पहली बार मौर्य विधायक बनने में कामयाब रहे और सिराथू सीट से चुनाव जीत लिया। इसके बाद साल 2014 में बीजेपी ने उन्हें इलाहाबाद के फूलपूर सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा था जहां मोदी लहर में वो भी सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे थे।
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यूपी में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ओबीसी वोट पर पकड़ को मजबूत करने के लिए साल 2016 के अप्रैल में बीजेपी ने उन्हें अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।
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Source : News Nation Bureau