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जेएनयू में क्यों लगे थे 'आजादी' के नारे, जानें 9 फरवरी 2016 को पूरी कहानी

9 फरवरी 2016 को संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरू की फांसी के 3 साल पूरे हुए थे. जिसे लेकर जेएनयू के कुछ छात्रों ने एक कार्यक्रम का आयोज किया.

9 फरवरी 2016 को संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरू की फांसी के 3 साल पूरे हुए थे. जिसे लेकर जेएनयू के कुछ छात्रों ने एक कार्यक्रम का आयोज किया.

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nitu pandey
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जेएनयू में क्यों लगे थे 'आजादी' के नारे, जानें 9 फरवरी 2016 को पूरी कहानी

जेएनयू

करीब 3 साल पहले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में देश विरोधी नारेबाजी की गई थी. जिसकी जांच पूरी हो चुकी है और सोमवार (14 जनवरी) को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. चलिए जानते हैं उस दिन जेएनयू कैंपस में क्या हुआ था और क्यों उसके बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी विवादों में आ गई.

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9 फरवरी 2016 को संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरू की फांसी के 3 साल पूरे हुए थे. जिसे लेकर जेएनयू के कुछ छात्रों ने एक कार्यक्रम का आयोज किया. आयोजन साबरमती हॉस्टल के सामने करना तय हुआ. इस कार्यक्रम का नाम रखा गया 'द कंट्री ऑफ द विदाउट पोस्ट ऑफिस'. अफजल गुरू और जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सह संस्थापक मकबूल भट्ट की याद में आयोजित इस कार्यक्रम को पहले जेएनयू प्रशासन की ओर से अनुमति मिल गई थी, लेकिन बाद में एबीवीपी (ABVP)के विरोध को देखते हुए प्रशासन अपनी अनुमति वापस ले ली.

इसे पढ़ें : JNU कैंपस में नारेबाजी के मामले में 1200 पन्ने की चार्जशीट दाखिल, कल होगी सुनवाई

इस बीच इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वामपंथी विचारधारा के छात्र जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उपाध्यक्ष और अन्य लोग उपस्थि आ गए, जो भारत की न्याय व्यवस्था पर चर्चा करने आए थे. इतना ही नहीं आयोजन स्थल पर 100 छात्र पहुंच चुके थे. जब इन्हें पता चला की कार्यक्रम की अनुमति रद्द हो गई है तो ये गुस्से से भर गए और कार्यक्रम को जारी रखने का फैसाल किया. जिसका एबीवीपी ने विरोध किया.

दोनों छात्र संगठनों के बीच तनातनी बढ़ गई और नारेबाजी हुई. कहा जाता है कि यहां पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी हुई थी. जानकारी के मुताबिक भारत की बर्बादी, तुम कितने अफजल मारोगे, पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे भी यहां लगाए गए.

जेएनयू में हुए इस तरह की हरकत पर एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी. जिसमें उमर खालिद और दो अन्य छात्रों को 2016 में पैनल ने दोषी पाया था और उन्हें निष्कासित करने का फैसला सुनाया था. इसी पैनल ने उस वक्त के जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

जब यह मामला पुलिस तक पहुंचा तो देशविरोधी नारेबाजी को लेकर मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने उस वक़्त दिल्ली के वसंत कुंज नॉर्थ थाने में कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्‍हें सशर्त जमानत दे दी थी. अभी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयर उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टचार्य समेत 10 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ इस ममाले में केस चल रहा है.

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पुलिस ने इस मामले में IPC (भारतीय दंड संहिता) के सेक्शन 124ए (राज - द्रोह), 323 (जान-बुझकर की गई हिंसा), 465 (जालसाजी), 471 (नक़ली दस्तावेज का सही बताकर इस्तेमाल करना), 143, 149, 147 (दंगे की कोशिश), 120बी (अपराधिक षडयंत्र) के तहत चार्जशीट दाखिल किया है.

Source : News Nation Bureau

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