जानें जेबी कृपलानी से सोनिया गांधी तक रहे कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष की कहानी, ज्यादातर ही चुने गए निर्विरोध

कांग्रेस पार्टी के गठन (1885) से अब तक करीब 59 लोग पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि आज़ादी के बाद पार्टी के पहले अध्यक्ष थे जेबी कृपलानी।

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Shivani Bansal
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जानें जेबी कृपलानी से सोनिया गांधी तक रहे कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष की कहानी, ज्यादातर ही चुने गए निर्विरोध

कांग्रेस पार्टी के गठन (1885) से अब तक करीब 59 लोग पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि आज़ादी के बाद पार्टी के पहले अध्यक्ष थे जेबी कृपलानी।

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उनके बाद अब तक कांग्रेस पार्टी की कमान बतौर अध्यक्ष 16 लोगों के हाथों में रही है। सोनिया गांधी पार्टी की सोलहवीं कांग्रेस अध्यक्ष हैं और सबसे लंबे समय तक इस पद पर बनी रहने वाली पहली नेता हैं।

जेबी कृपलानी आज़ादी के समय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर निर्विरोध रुप से चुने गए थे। हालांकि बाद में पार्टी अध्यक्ष के तीसरे चुनाव में नेहरु के समर्थन के बावजूद वो पटेलों के उम्मीदवार पुरुषोत्तम दास टंडन से हार गए थे।

पट्टाभी सीतारमैया गांधी जी के करीबी नेता माने जाते थे। वो 1948-49 तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे, हालांकि वो आज़ादी से पूर्व (1938 में) भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके थे और इस चुनाव में उन्हें सुभाष चंद्र बोस से हार का सामना करना पड़ा था। 

इस हार को गांधी जी ने व्यक्तिगत हार के तौर पर लिया था और कहा था कि सीतारमैया की हार यानि मेरी हार।

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इसके बाद जवाहर लाल नेहरु प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ निर्विरोध रुप से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष (1951-54 तक) रहे।

नेहरु के बाद यूएन देहबर (1955-59) में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 

यूएन देहबर के बाद 1959 में इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहर लाल नेहरु के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष बनी थी।

इंदिरा गांधी के बाद नीलिमा संजीव रेड्डी 1960 से 1963 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे।

1964 में कामराज कांग्रेस अध्यक्ष बने और इस दौरान खुद प्रधानमंत्री पद को न स्वीकार कर इन्होंने संगठन को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी उठाई। उन्होंने देश को दो कद्दावर प्रधानमंत्री दिए, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी।

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के कामराज के बाद 1968-69 तक एस निजलिंगप्पा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और वो कांग्रेस पार्टी के विभाजन से पहले संयुक्त कांग्रेस के आखिरी राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

पार्टी विभाजन के बाद बाबू जगजीवन राम इंदिरा गांधी के गुट वाली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने और इस दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय समेत कई विभागों को संभाला।

जगजीवन राम के बाद 1972-74 तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान शंकर दयाल शर्मा ने संभाली।

इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस पार्टी पद की अध्यक्षता देवकांत बरुआ ने संभाली। उन्होंने ही 'इंडिया इज़ इंदिरा, इंदिरा इज़ इंडिया' का नारा दिया था। देवकांत बरुआ के बाद खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पद की अध्यक्षता की और वो साल 1978-84 तक इस पद पर बनी रहीं।

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इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी भी संभाली और 1991 तक इस पद पर बने रहे।

राजीव गांधी की मृत्यु के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष (1992-96) और अगले प्रधानमंत्री बने थे नरसिम्हा राव। 

1996-98 तक सीताराम केसरी पार्टी अध्यक्ष बने। इस चुनाव में राजेश पायलट ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि चुनाव में जीत सीताराम केसरी की हुई, लेकिन उनका चुनाव दूसरे गुट के कांग्रेसियों को रास नहीं आया और अंदरखाने उन्हें गतिरोध का सामना करना पड़ा था।

# पार्टी की कमान सीताराम केसरी के बाद सोनिया गांधी ने (1998 में) संभाली। हालांकि साल 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ पूर्व कांग्रेसी नेता जितेंद्र प्रसाद ने चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही बनीं।

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HIGHLIGHTS

  • जेबी कृपलानी से अब तक रहे कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पर एक नज़र 
  • ज्यादातर कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार के करीब, निर्विरोध ही चुने गए
  • सोनिया गांधी, सीताराम केसरी और सीतारमैया को मिली थी टक्कर

Source : News Nation Bureau

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