किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, कहा - रद्द करे तीनों कानून
कृषि कानूनों के खिलाफ अन्नदाता किसानों को आंदोलन आज 57वें दिन भी जारी रहा. किसान संगठनों ने सरकार की तरफ से बुधवार को दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
दिल्ली :
कृषि कानूनों के खिलाफ अन्नदाता किसानों का आंदोलन आज 57वें दिन भी जारी रहा. किसान संगठनों ने सरकार की तरफ से बुधवार को दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. सयुंक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा, ''आम सभा में सरकार द्वारा कल रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में दोहराई गयी.''
बता दें कि बुधवार को किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बैठक हुई थी. इस बैठक में केंद्र सरकार से एक नया प्रस्ताव दिया था. केंद्र सरकार ने अपने तरफ से एक प्रस्ताव देते हुए आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से कहा था कि सरकार कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक कमिटी इन कानूनों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालेगी.
केंद्र सरकार के इसी प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए किसान संगठनों ने कहा कि उन्हने कृषि कानूनों को रद्द करने से काम कुछ भी मंजूर नहीं है. किसान संगठन ने आपस मे चर्चा कर इस फैसले की जानकारी अगली बैठक में सरकार को देंगे. सरकार के साथ किसानों की अगली बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी. आज किसान संगठनों की बैठक हुई और इस बैठक में किसान यूनियन ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने का फैसला लिया.
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