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सरकार से बातचीत के लिए किसान की 9 सदस्यीय समिति बनाने की खबर Fake, जानें पूरा मामला 

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 100 दिन से ज्यादा हो गया है. इस बीच एक खबर सामने आई थी कि संयुक्त किसान मोर्चा ने नौ सदस्यों की टीम बनाई है. ये टीम सरकार से आगे की बात करेगी.

Updated on: 09 Mar 2021, 11:56 PM

highlights

  • संयुक्त किसान मोर्चा की एक टीम पश्चिम बंगाल और असम जाएगी
  • संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है
  • आंदोलन में अब तक बलिदान देने वाले किसानों की संख्या 280 पार

नई दिल्ली:

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 100 दिन से ज्यादा हो गया है. इस बीच एक खबर सामने आई थी कि संयुक्त किसान मोर्चा ने नौ सदस्यों की टीम बनाई है. ये टीम सरकार से आगे की बात करेगी. सरकार चाहती थी 40 किसान संगठनों की टीम को छोटा किया जाए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने नौ सदस्यीय टीम को सरकार से बातचीत के लिए हरी झंडी दे दी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस खबर को गलत बताते हुए स्पष्ट किया है कि सरकार के साथ बातचीत के लिए बनाई जा रही नौ सदस्यीय समिति की खबर गलत है. ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है.

संयुक्त किसान मोर्चा की एक टीम पश्चिम बंगाल और असम में जाकर वहां के मतदाताओं से अपील करेगी कि वे किसान विरोधी भाजपा को वोट न दें. यह कार्यक्रम 12 मार्च से शुरू होगा व अभी के लिए तीन दिन तक चलेगा. इस आंदोलन में अब तक अपना बलिदान देने वाले किसानों की संख्या 280 पार कर गई है. आज हरियाणा के जींद जिले के एक 50 वर्षीय किसान राधेश्याम टिकरी बॉर्डर पर शहीद हो गए.

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर को पार करने के बाद किसान मजदूर जागृति यात्रा सोमवार को उत्तराखंड के जसपुर में प्रवेश कर गई. यात्रा ने 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की और अब तक 200 से अधिक गांवों और कस्बों से गुजरी है. आज इस यात्रा के दिनेशपुर पहुंचने की उम्मीद है. एसकेएम नोदीप कौर व उनके साथियों पर एबीवीपी द्वारा किए गए हमले की निंदा करता है. आपको बता दें कि सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान उन पर हमला किया गया.

ब्रिटिश संसद में गूंजा किसान आंदोलन, बोरिस जॉनसन सरकार ने बताया भारत का 'घरेलू मामला'

ब्रिटेन (Britain) की लेबर पार्टी के सांसदों की पहल पर चलाए गए सिग्नेचर कैंपेन के बाद भारत की मोदी सरकार (Modi Government) पर दबाव बनाने के लिए ब्रिटेन की संसद में किसान आंदोलन और मीडिया की स्वतंत्रता पर भी चर्चा हुई. गौरतलब है कि कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान नेता और किसान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बीते 100 दिन से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर इस याचिका पर हस्ताक्षर अभियान नवंबर में शुरू हुए थे. मिली सूचना के अनुसार इस पेटीशन पर करीब 116 हजार लोगों ने सिग्नेचर किए हैं. हालांकि ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) सरकार ने किसान आंदोलन को भारत का घरेलू मामला बताक संकेत दे दिया कि बोरस जॉनसन सरकार इस मसले पर भारत के साथ खड़ी है.