सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक जारी
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. किसान तीनों कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हुए हैं.
नई दिल्ली:
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. किसान तीनों कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हुए हैं. पिछले 16 दिन से अपनी मांगों को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले बैठे हैं. किसानों ने सरकार के लिखित प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है. टिकरी-सिंघु बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसान धरना दे रहे हैं तो गाजीपुर-दिल्ली बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने शनिवार को दिल्ली-जयपुर और दिल्ली आगरा हाईवे को जाम करने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक बारात को रास्ता दिया और बारात में हिस्सा लेकर नाचे भी. दूल्हे ने बताया कि यहां से बारात ले जाने में हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है ये हमें रास्ता दे रहे हैं. हम इनका पूरा समर्थन करते हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक बारात को रास्ता दिया और बारात में हिस्सा लेकर नाचे भी। दूल्हे ने बताया," यहां से बारात ले जाने में हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है ये हमें रास्ता दे रहे हैं। हम इनका पूरा समर्थन करते हैं।" #FarmersProstests pic.twitter.com/ci23djaoUg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2020
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सिंधु, औचंदी, पियू मनियारी और मंगेश पुर बॉर्डर बंद कर दिया है, ताकि किसान दिल्ली में न प्रवेश कर पाए
भारतीय किसान यूनियन के नेता ऋषि पाल सिंह ने कहा कि आज तक PM की मन की बात पूरी जनता ने सुनी, लेकिन आज जब जन का नंबर आया तो वो हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. किसान MSP में लिखित कानून की गारंटी की ही मांग कर रहा है, लेकिन सरकार इस पर पता नहीं क्यों गुमराह करने में लगी हुई है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी आज से नए कृषि कानूनों पर देश के सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी. आने वाले दिनों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 चौपाल आयोजित की जाएंगी.
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसानों के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी में आज भी कई मार्ग आवाजाही के लिए बंद हैं. करीब दो हफ्ते से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है, जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है.
सिंघु बॉर्डर पर लगातार चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है.
Ongoing farmers protest against Centre's new farm laws enters 16th day; Visuals from Singhu border pic.twitter.com/v4cvCaaCmy
— ANI (@ANI) December 11, 2020
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना जारी है. आज किसानों के आंदोलन का 16वां दिन है.
Farmers protest against Centre's farm laws at Tikri border enters 16th day
Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar yesterday said that the government is open for further discussions with farmers and they should end their agitation pic.twitter.com/FEC8G0n48h
— ANI (@ANI) December 11, 2020
चिल्ला बॉर्डर पर कल किसान करेंगे रामायण
दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसानों के धरने का 11वां आज दिन है. आज किसान सुबह 9 बजे से रामायण करेंगे.
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