भारत नवंबर 2025 में दृष्टिहीन महिलाओं के टी20 क्रिकेट विश्व कप की करेगा मेजबानी
राजा रघुवंशी हत्याकांड : इंदौर में परिजनों और शहरवासियों ने निकाला कैंडल मार्च, आरोपियों को फांसी देने की मांग
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर यूरोप में अपना अपराजेय अभियान जारी रखा
अहमदाबाद विमान हादसा : मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व सीएम विजय रूपाणी के परिवार से फोन पर की बात
टीएमसी के शहीद दिवस कार्यक्रम में केवल ममता बनर्जी की तस्वीरों का उपयोग करने का निर्देश
जब भूटान बना दुनिया का पहला तंबाकू-मुक्त देश, जानें ऐतिहासिक प्रतिबंध की पूरी कहानी
यूपी: फल-सब्जी विक्रेता बनकर ऑनलाइन 50 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
इजरायल के समर्थन में आए ये 15 मुस्लिम देश! परमाणु तबाही
मुख्यमंत्री मोहन यादव 16 जून को 'लाडली बहना योजना' की 25वीं किस्त जारी करेंगे

किसान के साथ बैठक बेनतीजा निकलने पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर ये साधा निशाना

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. हालांकि, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हल निकलने की उम्मीद जताई थी. सरकार एक बार फिर 15 को किसानों की मांगों को लेकर संगठनों के साथ बैठक करेगी.

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. हालांकि, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हल निकलने की उम्मीद जताई थी. सरकार एक बार फिर 15 को किसानों की मांगों को लेकर संगठनों के साथ बैठक करेगी.

author-image
Deepak Pandey
New Update
rahul gandhi

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi)( Photo Credit : फाइल फोटो)

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. हालांकि, इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हल निकलने की उम्मीद जताई थी. सरकार एक बार फिर 15 जनवरी को किसानों की मांगों को लेकर संगठनों के साथ बैठक करेगी. इस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

Advertisment

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!. आपको बता दें कि इससे पहले उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है. आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं. अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी मांगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है.

राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है. हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है. आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी क़ानून ख़त्म हों.

गौरतलब है कि किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि शुक्रवार को किसान यूनियन के लोगों के साथ वार्ता हुई. बहुत देर तक चर्चा हुई और कोई विकल्प नहीं निकला. 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे किसानों के साथ एक बार फिर वार्ता होगी.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने बार-बार ये कहा है कि वैसा वैकल्पिक प्रस्ताव दें जिस पर विचार हो. आंदोलन के पक्षकार की मांग है कि कृषि कानून को निरस्त की जाए. दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कृषि कानून के समर्थन में हैं.

वहीं, सरकार की तरफ से मीटिंग में किसानों को कहा गया कि आप इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं, लेकिन किसानों ने इसे मना कर दिया और कहा कि हम आंदोलन से ही अपना हक लेंगे.

Source : News Nation Bureau

kisan aandolan rahul gandhi congress Modi Government farmer-protest
      
Advertisment