लोकसभा में बोलीं किरण खेर, तीन तलाक के बाद महिलाओं का नहीं होता है निकाह

लोकसभा में गुरुवार को बहुप्रतिक्षित मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक यानी तीन तलाक बिल पेश किया गया है.

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Deepak Pandey
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लोकसभा में बोलीं किरण खेर, तीन तलाक के बाद महिलाओं का नहीं होता है निकाह

किरण खेर (फाइल फोटो)

लोकसभा में गुरुवार को बहुप्रतिक्षित मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक यानी तीन तलाक बिल पेश किया गया है. तीन तलाक बिल पर चर्चा चल रही है. सरकार से लेकर विपक्ष तीन तलाक बिल पर अपने विचार रख रहे हैं. इसी क्रम में चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद और दिग्गज अभिनेत्री बीजेपी सांसद किरण खेर ने भी तीन तलाक पर अपनी बातें रखी हैं.

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बीजेपी सांसद किरण खेर ने तीन तलाक बिल पर कहा, किसी भी धर्म में महिला को पूरे संवैधानिक अधिकार शामिल हैं. उन्होंने कहा कि तलाक के बाद कोई उस महिला से शादी नहीं करना चाहता है. उसके बच्चों का क्या होगा?. उन्होंने कहा कि देश की एक महिला भी दुखी है तो संसद को उसकी रक्षा करनी चाहिए. किरन खेर ने आगे कहा कि तलाक के बाद पुरुष तो तुरंत किसी जवान बीवी से शादी कर लेते हैं, परिवारों में दिक्कतें आती हैं, उसके घरवाले भी महिला को स्वीकार नहीं करते, तभी ये महिलाएं सुप्रीम कोर्ट गई थीं.

यह बिल पिछली लोकसभा से पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में सरकार यह बिल पारित कराने में विफल रही थी. इसके लिए सरकार अध्यादेश भी लेकर आई है. बिल पर चर्चा होने से पहले बीजेपी ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, ताकि सभी सांसद बिल पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रहें. सरकार की ओर से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया है.

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वहीं, कांग्रेस के गौरव गोगोई ने बिल पर बोलते हुए कहा, बिल के नाम पर सरकार कांग्रेस को बदनाम कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमारी पार्टी ने उसका स्वागत सबसे पहले किया था. कोर्ट की ओर कही गई हर बात को हमारी पार्टी मानती है और उसके पक्ष में खड़े हैं. उन्होंने कहा, कोर्ट के फैसले में कहीं यह नहीं लिखा कि इसे अपराध घोषित किया जाए. यह लिखा नहीं है, लेकिन आप इसे लेकर आ गए हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का एक फैसला है कि तलाक ए बिद्दत से पहले फिर से विचार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल से मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाकर उन्हें सजा दिलाना चाहती है. सरकार हिन्दू महिलाओं के लिए, पारसी महिलाओं के लिए, उनके पक्ष में कानून क्यों नहीं ला रही है?.

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