साल 2012 में मारे गए एक पत्रकार दंपति के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों ने शनिवार को एलीट रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) से मामले को जल्द से जल्द सुलझाने या अपनी विफलता स्वीकार करने और जांच एक अन्य एजेंसी को सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा कि आरएबी को सागर सरवर और मेहरुन रूनी हत्याकांड की जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
11 फरवरी, 2012 को टीवी समाचार संपादक सरवर और वरिष्ठ रिपोर्टर रूनी की हत्या को 11 साल बीत चुके हैं, लेकिन जांच अभी तक हत्या के पीछे के रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाई है। जहां पीड़ितों के उनके परिवार के सदस्यों ने लंबी लेकिन असफल जांच पर निराशा व्यक्त की, वहीं पत्रकार समुदाय ने हत्या की गुत्थी सुलझाने में अधिकारियों की विफलता पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।
एक विरोध रैली में पत्रकारों ने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री सहारा खातून ने घोषणा की थी कि हत्यारों को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन अधिकारी 95,000 घंटे से अधिक समय में जांच पूरी करने में भी विफल रहे।
मामले की जांच कर रही आरएबी 95 बार हत्या मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने में नाकाम रही है।
पिछले 11 वर्षो में जो कुछ किया गया है, उस पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए पत्रकारों ने कहा कि उन्हें डर है कि सागर-रूनी हत्याकांड में न्याय नहीं मिलेगा, लेकिन कानून लागू करने वालों को चेतावनी दी कि वे हत्या पर कोई काल्पनिक कहानी न गढ़ें।
ढाका यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) ने आरएबी को चेतावनी दी कि अगर उसने कोई भी काल्पनिक कहानी बनाते हुए, सच्चाई को छिपाते हुए कोई जांच रिपोर्ट दायर की, तो हम, पत्रकार समुदाय, आरएबी के खिलाफ युद्ध शुरू कर देंगे।
कई पत्रकार नेताओं ने आरोप लगाया कि हत्या में पैदा हुई दंडमुक्ति की संस्कृति ने कई पत्रकारों की हत्या का मार्ग प्रशस्त किया।
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Source : IANS