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'खेला होबे': ममता ने 2024 का बजाया बिगुल, कहा-नीतीश और हेमंत सोरेन के साथ लड़ेंगे चुनाव 

ममता बनर्जी ने कहा, “कई बार वे अभिषेक को दिखाते हैं और मेरे बीच मतभेद हैं. टीआरपी इस तरह नहीं बढ़ेगी.

Updated on: 08 Sep 2022, 04:47 PM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta banerjee) ने बीजेपी (BJP) से विपक्षी एकता की चर्चा के बीच कहा है कि वह नीतीश कुमार (Nitish kumar), हेमंत सोरेन (Hemant soren) और अन्य नेताओं के साथ मिलकर 2024 का चुनाव लड़ेंगी. ममता ने कहा, “हम एकजुट होंगे. नीतीश, अखिलेश, हेमंत, हम सब हैं, राजनीति एक जंग का मैदान है. हमने 34 साल तक लड़ाई लड़ी है.' झारखंड के राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “वे झारखंड को बेच रहे थे. हमने झारखंड को बचाया और विधायकों को गिरफ्तार करवाया. मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों के भीतर मतभेदों को उजागर करने के लिए मीडिया पर भी निशाना साधा. 

ममता बनर्जी ने कहा, “कई बार वे अभिषेक को दिखाते हैं और मेरे बीच मतभेद हैं. टीआरपी इस तरह नहीं बढ़ेगी. कथित मवेशी तस्करी मामले में सीबीआई द्वारा टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “अनुब्रत को उठाया गया था. आपको लगता है कि ऐसा करके आप बीरभूम की दो सीटें जीत जाएंगे? अनुब्रत के बाहर होने तक बीरभूम के नेता कई गुना संघर्ष करेंगे. बहादुर की तरह जेल से बाहर निकलेंगे अनुब्रत मंडल. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया जाएगा, कार्यकर्ता डर जाएंगे. 

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सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर नई दिल्ली में पुनर्निर्मित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के उद्घाटन पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “एक अवर सचिव ने मुझे लिखा कि पीएम मोदी शाम 7 बजे नेताजी की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे और आप शाम 6 बजे तक वहां होंगे." “क्या मैं एक बंधुआ मजदूर हूं? क्या कोई अवर सचिव सीएम को लिख सकता है?” उन्होंने कहा, "मैं अब रेड रोड पर नेताजी की प्रतिमा के पास गई और श्रद्धांजलि दी." नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस, 23 जनवरी (नेताजी के जन्मदिन) पर पीएम मोदी द्वारा उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है. 28 फुट ऊंचे इस ढांचे को एक अखंड ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन लगभग 65 मीट्रिक टन है.