सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायत को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि शादी को लेकर खाप पंचायतों के फैसले गैरकानूनी हैं। साथ ही गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि जब तक इस संबंध में कोई कानून नहीं आता है तब तक उसका फैसला लागू रहेगा।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच इसमें ए एम खानविलकर औक डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं ने कहा, 'खाप पंचायत या किसी गैरकानूनी जमावड़े का दो व्यस्कों की शादी को रोकना पूरी तरह गैरकानूनी है।'
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक केंद्र सरकार इस मसले पर कानून नहीं ले आती, तब तक कोर्ट का यह आदेश प्रभावी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट में शक्ति वाहिनी नाम के एनजीओ ने खाप पंचायतों के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। जिसमें याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को ऑनर किलिंग पर रोक लगाने के लिये दिशानिर्देश दे।
पिछले महीने कोर्ट ने कहा था कि खाप पंचायतें ऑनर किलिंग के नाम पर कानून अपने हाथ में नहीं ले सकती हैं। साथ ही केंद्र सरकार को कहा था कि ऐसे शादीशुदा जोड़ों को सुरक्षा दी जाए।
कोर्ट ने कहा था कि जब देश में विवाह से संबंधिक कानून मौजूद हैं तो फिर खाप को इस संबंध में दखल देने की ज़रूरत नहीं है और कानून ही इसे रोक सकता है।
और पढ़ें: ममता बनर्जी दिल्ली में, सोनिया और पवार से करेंगी मुलाकात
Source : News Nation Bureau