असम : छात्र नेता की लिंचिंग के आरोपी की पुलिस हिरासत से भागने के दौरान सड़क दुर्घटना में मौत
असम : छात्र नेता की लिंचिंग के आरोपी की पुलिस हिरासत से भागने के दौरान सड़क दुर्घटना में मौत
गुवाहाटी:
पूर्वी असम के जोरहाट में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के एक नेता की पीट-पीटकर हत्या करने के मुख्य आरोपी की बुधवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, जब वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था।अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जोरहाट जिले के नकाचारी के रास्ते में तड़के एक पुलिस वैन से कूदने के बाद नीरज दास को एक एस्कॉर्ट वाहन ने टक्कर मार दी।
दास, एक ड्रग पेडलर भी था, जो मई के बाद से पुलिस हिरासत में या गिरफ्तारी या भागने से बचने की कोशिश करते हुए मारा जाने वाला 28वां व्यक्ति है। अधिकांश अन्य पर नक्सलवाद, अवैध मादक पदार्थ के व्यापार, पशु तस्करी, दुष्कर्म, हत्या और कई अन्य अपराधों के आरोप थे।
दास पर 50 से अधिक लोगों की भीड़ को उकसाने और नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया था, जिन्होंने आसू नेता अनिमेष भुइयां को पीट-पीट कर मार डाला और उसके सहयोगी प्रणय दत्ता और पत्रकार मृदुस्मंत बरुआ को घायल कर दिया था, जब उन्होंने सोमवार को एक बुजुर्ग दुर्घटना पीड़ित की सहायता करने की कोशिश की थी।
जब हिंसा हो रही थी, तब कई लोग तमाशबीन बने रहे और अन्य लोगों ने इस घटना को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया। छात्रों के प्रभावशाली निकाय आसू ने अपराधियों को कड़ी सजा दिए जाने तक अपना विरोध जारी रखने की घोषणा की है।
जोरहाट जिला पुलिस प्रमुख अंकुर जैन ने कहा कि दास उन 13 लोगों में शामिल है, जिन्हें अब तक लिंचिंग की घटना में गिरफ्तार किया गया है।
जैन ने कहा, पूछताछ के दौरान, दास ने पुलिस को नकाचारी में ड्रग्स की एक खेप के बारे में बताया। जब एक पुलिस टीम उसे छुपाई गई खेप को बरामद करने के लिए ले गई, तो वह चलती हुई पुलिस वैन से कूद गया, लेकिन एस्कॉर्ट वाहन की चपेट में आ गया। तीन पुलिस कर्मी भी दुर्घटना में घायल हुए हैं।
जैन ने कहा, दास को जोरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया।
बता दें कि असम में हिरासत में हुई मौतों के लिए विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल राज्य सरकार की आलोचना करते रहे हैं।
दिल्ली के एक वकील आरिफ जवादर द्वारा दायर एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाल ही में इस साल मई से राज्य में फर्जी मुठभेड़ों पर असम के पुलिस महानिदेशक से चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
मई की शुरुआत से दास सहित लगभग 28 आरोपी मारे गए हैं और लगभग 40 अन्य घायल हो गए हैं। पुलिस के अनुसार, ऐसा तब हुआ, जब आरोपियों ने कथित तौर पर हिरासत से या ऑपरेशन के दौरान भागने की कोशिश की और फिर पुलिस को उन पर गोलियां चलानी पड़ी।
जवादर ने पहले एनएचआरसी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था, पुलिस ने मुठभेड़ों के नाम पर मई से कई आरोपी व्यक्तियों को मार डाला है।
बता दें कि जब से हिमंत बिस्वा सरमा 10 मई को मुख्यमंत्री बने हैं, उन्होंने अपराध और अपराधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति पर जोर दिया है।
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