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सबरीमाला मंदिर के सामने प्रदर्शन (फोटो - ANI)
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सबरीमाला मंदिर के सामने प्रदर्शन (फोटो - ANI)
केरल के सबरीमाला मंदिर में कपाट बंद होने से एक दिन पहले भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी घमासान जारी है. आज भी जब दो महिलाओं ने मंदिर जाने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें जाने से रोक दिया. इसके बाद पुलिस दोनों महिलाओं को कंट्रोल रूम लेकर पहुंच गई है जहां उन्हें अभी रखा गया है. सबरीमाला मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर को बंद हो जाएंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देने के बाद से ही वहां भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहां अभी भी तनाव की स्थिति बरकरार है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद चौथे दिन भी महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं. दो महिला पत्रकार सुरक्षाबलों के साथ मंदिर में प्रवेश करने के रास्ते की ओर बढ़ रही थी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें हेलमेट, जैकेट आदि सब पहनाये गए. टीवी चैनल की पत्रकार कविता जक्कल भारी सुरक्षा के साथ पंबा से सन्निधनं से आगे बढ़ी, लेकिन उन्हे बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा.
इस पूरे विवाद को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा था कि मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, क्योंकि वहां की कानून और व्यवस्था राज्य सरकार के दायरे में आता है. गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर को केरल सरकार को एडवाइजरी भेज दी थी. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. केरल सरकार ने एडवाइजरी के जबाव में केंद्र को कानून और व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन का आश्वासन दिया है. एडवाइजरी में कहा गया है कि केरल में कानून-व्यवस्था बनाये रखना राज्य सरकार की जम्मेदारी है. गृह मंत्रालय राज्य सरकार द्वारा महिलाओं सहित सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देता है.
सबरीमाला परिसर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पहले रोक थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है. केंद्र ने केरल सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद दिलाया. महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाले आदेश का विरोध कर रहे कुछ संगठनों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़पे हुईं. कई प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया.
सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर को बंद होंगे. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पांबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई. सबरीमाला संरक्षण समिति ने गुरूवार को 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया. बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोरे देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की.
Source : News Nation Bureau