सबरीमाला
केरल के सबरीमाला में दो 50 साल से कम उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. पारंपरिक काले परिधान पहने और सिर ढक कर कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) बुधवार को तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर पहुंचीं. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्य पुजारी ने 'शुद्धिकरण' समारोह के लिए मंदिर के गर्भ गृह को बंद करने का फैसला किया था. मंदिर को तड़के 3 बजे खोला गया था और 'शुद्धिकरण' के लिए उसे सुबह साढे 10 बजे बंद कर दिया गया. देवास्वोम बोर्ड ने महिलाओं के प्रवेश के बाद शुद्धिकरण पर मुख्य पुजारी से 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है.
Kerala: Devaswom Board seeks an explanation within 15 days from chief priest of #SabarimalaTemple for the "purification" rituals carried out after two women in their early 40's entered the temple on January 2.
— ANI (@ANI) January 4, 2019
बीजेपी नेता मिनाक्षी लेखी ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर राज्य के हालात बिगड़ने का आरोप लगाया. लेखी ने दवा किया कि पिछले दिनों सबरीमाला मंदिर कि चढ़ाई चढ़ने वाले ट्रांसजेंडर नहीं बल्कि महिलाएं थी जिन्हे सीएम विजयन ने भेजा था.
हड़ताल के दौरान पथराव, वाहनों को रोकने और हिंसा की घटना सामने आई. पुलिस अबतक 1369 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 717 को हिंसा के मामले में हिरासत में लिया गया है. हिंसक प्रदर्शन के बाद केरल पुलिस मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. पुलिस खुफिया शाखा के प्रमुख टी. के. विनोद कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री की 'जेड प्लस' सुरक्षा श्रेणी जारी रहेगी, लेकिन कुछ अतिरिक्त सावधानियां ली गई.
मुख्यमंत्री विजयन के पायलट वाहन ने गुरुवार को काले झंडे दिखा रहे दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को घायल कर दिया. इस दौरान विजयन अपने कार्यालय से अपने आधिकारिक आवास पर दोपहर के भोजन के लिए जा रहे थे. विजयन ने राजधानी के शहरी जिले के विभिन्न भागों में हिंसा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए संघ परिवार के 109 कार्यकर्ताओं का निरीक्षण किया. अक्टूबर 2013 में कन्नूर में केरल के मुख्यमंत्री पर हमला हुआ था. इस दौरान उन्हें सीने और चेहरे पर चोटें आई थी.
बता दें कि सबरीमाला में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद विभिन्न हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान कई हिंसक घटनाएं भी सामने आई थी. पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी. इस फैसले के बाद कई महिलाओं ने प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन भारी विरोध-प्रदर्शन के कारण उन्हें वापिस लौटना पड़ा था. इससे पहले उन्होंने 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा था. मंदिर 30 दिसंबर को मकरविल्लकु उत्सव के लिए खोला गया था. 9 दिसंबर को केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध कर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था. पुरानी प्रथा को कायम रखने को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.