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सबरीमाला विवाद: फातिमा के घर अज्ञात लोगों ने जमकर की तोड़फोड़, एक्टिविस्ट ने कहा- मेरी ज़िंदगी खतरे में

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद तीसरे दिन भी महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं. रेहना फातिमा के कोच्ची स्थित घर में अज्ञात लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की.

Updated on: 19 Oct 2018, 01:36 PM

नई दिल्ली:

सबरीमाला मंदिर के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों भक्तों के विरोध की वजह से केरल पुलिस के सुरक्षा घेरे में जा रही हैदराबाद की पत्रकार कविता और एक अन्य महिला रेहना फातिमा को यात्रा से लौटने को मजबूर होना पड़ा. इससे पहले भी कई महिलाएं बीच रास्ते से वापस लौट चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद तीसरे दिन भी महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं. रेहना फातिमा के कोच्ची स्थित घर में अज्ञात लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की. इस मामले पर कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला का बयान सामने आया है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ' हमने राजयपाल से मुलाकात कर मौजूदा हालत के बारे में बताया. न सिर्फ हिन्दू बल्कि अलग-अलग धर्मों के लोग भी वहां पहुंच रहे हैं.सभी चिंतित है. रेहना फातिमा को पुलिस की वर्दी दी गई. ये गलत है.

नेता चेन्निथला ने आगे कहा, 'सबरीमाला पर्यटक स्थल नहीं है, सिर्फ श्रद्धालु ही वहां जाते हैं. केरल पुलिस अभी गलत कर रही है. अगर हमारी सरकारी होती तो हमने अच्छे से हालत संभाले होते. हम भक्तों से बात करते और कोई हिंसा नहीं होती.'

ANI से बातचीत के दौरान रेहना फातिमा ने कहा, 'श्रद्धालु नहीं बल्कि कुछ लोग शांति खराब कर हमे अंदर प्रवेश करने देना नहीं चाहते. मैं इसके पीछे का कारण जानना चाहती हूं. बताइये, कौन-से तरीके से किसी को श्रध्दालु कहलाना होगा. पहले आप मुझे ये बताएं फिर मैं आपको बताउंगी कि मैं भक्त हूं कि नहीं.' 

आगे उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता मेरे बच्चों के साथ क्या हुआ. मेरी ज़िंदगी खतरे में है. पुलिस ने कहा है कि सुरक्षा दी जाएगी इसलिए मैं वापस जा रही हूं'

और पढ़ें: सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान, पुलिस पर भारी प्रदर्शनकारी, पुजारी ने मंदिर बंद करने की दी धमकी

फातिमा कोच्चि की रहने वाली है. सुबह करीब 6.45 बजे दोनों महिलाओं ने लगभग 100 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे के साथ दो घंटे की चढ़ाई शुरू की थी. पुलिसकर्मियों की अगुवाई पुलिस महानिदेशक एस.श्रीजीत ने की.

इस बीच दो महिलाओं के मंदिर पहुंचने की खबर सुनने के बाद मंदिर के तंत्री के लगभग 30 कर्मचारी अपना अनुष्ठान छोड़कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और सीढ़ियों के सामने बैठ गए. ये सभी भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे.

जब समूह मंदिर के पहले प्रवेश बिंदु पर पहुंचा तो हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए. सबरीमाला में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तीसरे दिन भी महिलाओं की एंट्री नहीं हो पाई. कुछ संगठन राज्य में जमकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे है