केरल पुलिस ने रविवार को चार ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को दर्शन के लिए सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने से रोक दिया. चार ट्रांसजेंडर में से एक अनन्या ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन लोगों का उपहास किया गया, धमकी दी गई और एरुमेली की पुलिस ने उनसे लौट जाने के लिए कहा. अनन्या ने कहा, 'हमने शनिवार को एर्नाकुलम से हमारी तीर्थ यात्रा शुरू की और पुलिस की विशेष शाखा ने हमारी प्रार्थनाओं और हमारे द्वारा किए गए सभी अनुष्ठान कार्यो को देखा. लेकिन जब हम एरुमली पहुंचे तो शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बुरा व्यवहार किया और महिला अधिकारियों ने भी ऐसा किया.'
उन्होंने कहा, 'पहले उन लोगों ने कहा कि हमें महिला परिधान में मंदिर दर्शन के लिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा और फिर हमसे पुरुषों के कपड़े पहनने के लिए कहा. पहले हमने मना कर दिया लेकिन बाद में हमने पुरुष परिधान पहनने का फैसला किया लेकिन फिर पुलिस ने अपना फैसला बदलते हुए हमसे वहां से लौट जाने के लिए कह दिया.'
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 28 सितंबर को हर आयु वर्ग की महिला को मंदिर में प्रवेश देने का फैसला किए जाने के बाद से सबरीमाला में हिंदू समूहों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. पहले 10 साल की उम्र से लेकर 50 वर्ष की महिला के मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध था.
मालूम हो कि 9 दिसंबर को केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध कर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को ऐतिहासिक फैसला देते हुए केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 आयुवर्ग की सभी महिलाओं को प्रवेश की मंजूरी दी थी. इससे पहले इस उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने का अधिकार नहीं था, लेकिन लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण अब तक सबरीमाला में धारा 144 लगी हुई है. कपाट खुलने के बाद अब तक 10-50 वर्ष की एक भी महिला भारी विरोध प्रदर्शन के कारण मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाई हैं. पुरानी प्रथा को कायम रखने को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
Source : IANS