सबरीमाला
केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. कई महिलाएं बीच रास्ते से वापस लौटने को मजबूर हो गईं. भीड़ ने दिल्ली की एक पत्रकार को भी आगे बढ़ने नहीं दिया. 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के लिए भारत की संवाददाता सुहासिनी राज अपने साथी के साथ पंबा तक पहुंच गईं थी लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया. इस मामले पर पुलिस का कहना है कि जब वह मरकोट्टम पहुंची तो भीड़ देखकर उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने दोनों पत्रकारों को लौटने पर मजबूर कर दिया. सुहासिनी प्रदर्शनकारियों से यह कहती रहीं कि वह यहां पूजा करने नहीं बल्कि अपने काम के सिलसिले में आई हैं।
#Visuals from #Kerala: Journalist Suhasini Raj reportedly working with New York Times, on her way to #SabarimalaTemple, returned midway after being stopped by protesters today. pic.twitter.com/D5bh5a1kNv
— ANI (@ANI) October 18, 2018
सुप्रीम कोर्ट के 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाले आदेश का विरोध कर रहे कुछ संगठनों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़पे हुईं। कई प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया.
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सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर को बंद होंगे. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पांबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई है. सबरीमाला संरक्षण समिति ने 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोरे देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की.
Source : News Nation Bureau