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लोकसभा चुनाव से पहले केरल लेफ्ट फ्रंट में चार नए सहयोगी दल शामिल

एलडीएफ में शामिल की गई नई पार्टियों में से केरल कांग्रेस (पिल्लाई) के पास केवल एक विधायक हैं, जबकि तीन अन्य पार्टियों के पास एक भी विधायक नहीं है.

Updated on: 26 Dec 2018, 09:45 PM

तिरुवनंतपुरम:

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की अगुवाई में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने बुधवार को अपने गठबंधन में लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी), इंडियन नेशनल लीग, डेमोक्रेटिक केरल कांग्रेस और केरल कांग्रेस (पिल्लई) को शामिल करने का निर्णय लिया. एलडीएफ के समन्वयक ने यह जानकारी दी. चार नए सहयोगियों को गठबंधन में शामिल करने का निर्णय काफी माथापच्ची के बाद लिया गया है.

एलडीएफ की बैठक के बाद समन्वयक ए विजयराघवन ने मीडिया से कहा कि ऐसे एक दर्जन राजनीतिक संगठन हैं जो एलडीएफ के साथ काम करते रहते हैं. बातचीत के बाद इनमें से चार को मोर्चे की सदस्यता देने का फैसला किया गया.

उन्होंने कहा, 'लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी), इंडियन नेशनल लीग, डेमोक्रेटिक केरल कांग्रेस और केरल कांग्रेस (पिल्लई) को शामिल किया गया है.'

विजयराघवन ने कहा, 'इसके साथ ही एलडीएफ गठबंधन के साथियों की संख्या 10 हो गई है. अन्य दल सीपीएम, भाकपा, जनता दल (एस), एनसीपी, केरल कांग्रेस (सकारिया थॉमस) और कांग्रेस (सेकुलर) हैं.'

शामिल की गई नई पार्टियों में से केरल कांग्रेस (पिल्लाई) के पास केवल एक विधायक हैं, जबकि तीन अन्य पार्टियों के पास एक भी विधायक नहीं है. यह एलजेडी प्रमुख और मीडिया की बड़ी हस्ती एम.पी. वीरेंद्र कुमार की एलडीएफ में वापसी है.

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इंडियन नेशनल लीग (आईएनएल) भी लंबे समय से एलडीएफ के साथ बनी हुई है और 2016 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन किसी भी सीट पर जीत हासिल करने में विफल रही थी.

एलडीएफ ने यह फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से पहले किया है. सीपीएम यहां अधिकतर सीटों पर कब्जा जमाना चाहती है. 2014 लोकसभा चुनावों में, एलडीएफ ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से केवल आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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