बूचड़खानों के लिए पशुओं की बिक्री को लेकर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्देश का किया समर्थन

कोर्ट ने कहा है कि नए नियमों के मुताबिक मवेशियों की हत्या या उनका मीट खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
बूचड़खानों के लिए पशुओं की बिक्री को लेकर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्देश का किया समर्थन

पशुओं की बिक्री को लेकर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के आदेश का किया समर्थन

केरल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के तरफ से जारी निर्देश का समर्थन किया है। कोर्ट ने कहा है कि नए नियमों के मुताबिक मवेशियों की हत्या या उनका मीट खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। बल्कि इसके जरिए सिर्फ बड़े बाजारों में बड़े स्तर पर मवेशियों की बिक्री को रोका गया है।

Advertisment

इस मामले में कोर्ट का कहना है, 'केंद्र का यह बैन बड़े बाजारों में बड़े स्तर पर पशुओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए है।' इससे पहले मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र के नए नियमों पर चार हफ्तों के लिए रोक लगाते हुए सरकार से इस पर जवाब मांगा था।

इससे पहले केंद्र ने पशु बाजारों में वध के लिए निर्देश जारी कर जानवरों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस फैसले के विरोध में केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारत के राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ।

इसे भी पढ़ेंः बूचड़खानों के लिए पशुओं की बिक्री पर बैन के फैसले पर रोक, मद्रास हाई कोर्ट ने 4 हफ्तों के भीतर मांगा जवाब

सोमवार को केंद्र के नए नोटिफिकेशन के खिलाफ केरल हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर हुई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार के नए नियम पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का उल्लंघन करते हैं और सरकार को ऐसे नियम बनाने का अधिकार नहीं है।

इसे भी पढ़ेंः ममता ने अपने अधिकारियों को दिया निर्देश- न मानें केंद्र का फैसला, गौ तस्करी पर लगाएं रोक

दोनों याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मवेशियों की हत्या या मीट बेचने पर केंद्र ने रोक नहीं लगाई है। सिर्फ बाजार में मवेशियों को बेचने पर पाबंदी लगाई गई है।

इसे भी पढ़ेंः बूचड़खानों के लिए पशुओं की बिक्री बैन किए जाने के फैसले के खिलाफ ममता, कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

Source : News Nation Bureau

Kerala High Court Mamata Banerjee slaughter ban
      
Advertisment