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बूचड़खानों के लिए पशुओं की बिक्री को लेकर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्देश का किया समर्थन

कोर्ट ने कहा है कि नए नियमों के मुताबिक मवेशियों की हत्या या उनका मीट खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

Updated on: 31 May 2017, 04:48 PM

नई दिल्ली:

केरल हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के तरफ से जारी निर्देश का समर्थन किया है। कोर्ट ने कहा है कि नए नियमों के मुताबिक मवेशियों की हत्या या उनका मीट खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। बल्कि इसके जरिए सिर्फ बड़े बाजारों में बड़े स्तर पर मवेशियों की बिक्री को रोका गया है।

इस मामले में कोर्ट का कहना है, 'केंद्र का यह बैन बड़े बाजारों में बड़े स्तर पर पशुओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए है।' इससे पहले मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र के नए नियमों पर चार हफ्तों के लिए रोक लगाते हुए सरकार से इस पर जवाब मांगा था।

इससे पहले केंद्र ने पशु बाजारों में वध के लिए निर्देश जारी कर जानवरों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस फैसले के विरोध में केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारत के राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ।

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सोमवार को केंद्र के नए नोटिफिकेशन के खिलाफ केरल हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर हुई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार के नए नियम पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का उल्लंघन करते हैं और सरकार को ऐसे नियम बनाने का अधिकार नहीं है।

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दोनों याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मवेशियों की हत्या या मीट बेचने पर केंद्र ने रोक नहीं लगाई है। सिर्फ बाजार में मवेशियों को बेचने पर पाबंदी लगाई गई है।

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