केरल उच्च न्यायालय ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और कन्नूर से लोकसभा सदस्य के. सुधाकरन को बुधवार को दो सप्ताह की अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। इसके पहले अदालत ने कहा था कि के. सुधाकरन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। के. सुधाकरन के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप है और इस मामले में नकली एंटीक डीलर मोनसन मावुंकल फिलहाल जेल में बंद है।
अदालत ने के. सुधाकरन के अंतरिम अग्रिम जमानत के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने के लिए कहा। के. सुधाकरन को शुक्रवार को क्राइम ब्रांच पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया है।
एक तरफ पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि के. सुधाकरन को गिरफ्तार करने की कोई योजना नहीं है। दूसरी तरफ अदालत ने कहा कि अगर गिरफ्तारी हो जाती है तो उन्हें 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी जानी चाहिए।
दरअसल, सुधाकरन धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिसमें जेल में बंद नकली एंटीक डीलर मोनसन मावुंकल शामिल है। आरोप है कि अनूप नामक एक शख्स ने 2018 में कांग्रेस नेता के कोच्चि कार्यालय में मावुंकल को 25 लाख रुपये का भुगतान किया था।
जब पैसे सौंपे जा रहे थे, तब सुधाकरन भी मौजूद थे। सुधाकरन ने भी कथित तौर पर अनूप को मदद पहुंचाने का वादा करते हुए उससे दस लाख रुपये लिए थे।
मामले में क्राइम ब्रांच ने सुधाकरन को दूसरा आरोपी बनाया और उन्हें 14 जून को जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा। लेकिन, उन्होंने 23 जून को पेश होने की बात कही। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने नया नोटिस जारी किया।
अपनी याचिका में सुधाकरन ने तर्क दिया कि 2018 में प्राप्त एक शिकायत के आधार पर 2021 में प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं था और बहुत बाद में उनका नाम शामिल किया गया था।
सुधाकरन ने अपनी याचिका में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए और राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा, वर्तमान प्रमुख अनिल कांत और पुलिस के एडीजीपी मनोज अब्राहम के मोनसन मावुंकल के घर पर की तस्वीरें पेश की।
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Source : IANS