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केरल के राज्यपाल बोले- हिजाब मुस्लिम महिलाओं को पीछे रखने की साजिश

हिजाब विवाद (Hijab Row) को लेकर जहां देशभर में मुस्लिम समाज सड़कों पर है और इसे इस्लाम धर्म का अंग बताया जा रहा है। वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने कहा है कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है।

Updated on: 11 May 2022, 11:48 PM

highlights

  • केरल के राज्यपाल ने हिजाब का किया विरोध
  • आरिफ मोहम्मद खान बोले, यह इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं
  • हिजाब विवाद को भी किया खारिज

तिरुवनंतपुरम.:

हिजाब विवाद (Hijab Row) को लेकर जहां देशभर में मुस्लिम समाज सड़कों पर है और इसे इस्लाम धर्म का अंग बताया जा रहा है। वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान (Arif Mohammad Khan) ने कहा है कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए इसे कोई विवाद मानने से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं को पीछे करने की एक साजिश है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धर्म और शिक्षा के बीच कोई जंग नहीं है. राज्‍यपाल खान ने कहा है कि धर्म का मतलब इंसान को ज्ञानी बनाना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कि इस्लाम धर्म में सिर्फ पांच चीजें ही अहम हैं और इनमें हिजाब कहीं भी शामिल नहीं है। 

इस्लाम में सिर्फ पांच आवश्यक विशेषताएं 
राज्यपाल ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि इस्लाम में धार्मिक पुस्तकें विस्तार से वर्णन करती हैं कि इसमें क्या आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म में केवल पांच आवश्यक विशेषताएं हैं, जिन्हें अर्कान-ए-इस्लाम कहा जाता है. उन्होंने बताया कि वो पांच में पहला है कलमा, जिसके माध्यम से विश्वास की पुष्टि की जाती है। दूसरा है नियमित अंतराल पर प्रार्थना (नमाज), तीसरा है रमजान के महीने  का उपवास (रोजा), चौथा है जकात (दान) और पांचवां है हज। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इनमें कुछ जोड़ना या घटाया नहीं हो सकता है. उन्होंने हिजाब को इस्लाम में एक अनिवार्य प्रथा बनाकर उसे संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत संरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह निर्धारित हो चुका है कि कोई भी पहलू जिस पर संविधान के अनुच्छेद 25 के संरक्षण का दावा किया जाता है, वो आवश्यक, आंतरिक और आस्था के लिए अभिन्न अंग होने चाहिए, जिस पर हिजाब खड़ा नहीं उतरता है। 

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उन्होंने कहा कि कुरान में पहला शब्द इकरा है, जिसका अर्थ ‘पढ़ें’। उन्होंने कहा कि इंसान को केवल ईश्वर के नाम को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया है. उन्होंने कुरान शरीफ की प्रासंगिक अंशों का हवाला देते हुए कहा कि मनुष्य को जानवरों, सितारों और अंतरिक्ष के बारे में सोचने के लिए कुरान में प्रोत्साहित किया गया है। वहीं, हदीस में मुहम्मद साहब ने फरमाया है कि अगर जरूरी हो तो ज्ञान की खोज में चीन तक जाओ। उन्होंने इस बात को दोहराया कि कुरान में 700 से ज्यादा शब्दों का अर्थ है ज्ञान, सोचना और ध्यान करना. उन्होंने कहा कि धर्म इंसान को ज्ञान की खोज के लिए प्रोत्साहित करता है। 

आपको बता दें कि हिजाब विवाद की शुरुआत कर्नाटक के उडुपी में पिछले महीने उस समय शुरू हुआ, जब कॉलेज प्रशासन के हिजाब बैन करने के फैसले का कुछ छात्राओं ने विरोध किया. इसके बाद यह टकराव कर्नाटक के साथ ही तेजी से पूरे देश में फैल गया। इस दौरान भगवाधारी युवकों ने विरोध प्रदर्शन कर रही लड़कियों  के साथ अभद्रता करने की कोशिश भी की , जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई। हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया। गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही है।