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केरल में बाढ़ का कहर, अब तक 8316 करोड़ रु का नुकसान, 10 हजार किलोमीटर सड़क खराब

सीएम पी विजयन के अनुसार बाढ़ से करीब 20 हजार घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। सीएम ने बताया कि राज्य पीडब्ल्यूडी की करीब 10 हजार किलोमीटर सड़क खराब हुई हैं।

Updated on: 12 Aug 2018, 11:38 PM

नई दिल्ली:

केरल में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। रविवार को स्थिति का जायजा लेने आए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी हवाई सर्वेक्षण कर प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को बहुत गंभीर बताया और केंद्र से राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इस दौरान केरल के सीएम पी विजयन ने केंद्र से तात्कालिक राहत और पुनर्वास के लिए 820 करोड़ रुपये के अतिरिक्त और 400 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती आकलन के मुताबिक बाढ़ से 8316 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

सीएम पी विजयन के अनुसार बाढ़ से करीब 20 हजार घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। सीएम ने बताया कि राज्य पीडब्ल्यूडी की करीब 10 हजार किलोमीटर सड़क खराब हुई हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र से वित्तीय मदद के अलावा नुकसान का आकलन करने के लिए एक बार फिर केंद्रीय टीम को भेजा जाए।

गौरतलब है कि रविवार को राहत कार्यों का जायजा लेने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने 100 करोड़ रु की अतिरिक्त आर्थिक सहायता का ऐलान किया था, साथ ही राज्य में बचाव कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता कि दूसरी किश्त 80 करोड़ रु को तुरंत रिलीज कर दिया।

इस दौरान उनके साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन भी थे।

राजनाथ ने कोच्चि के निकट शिविरों में रह रहे लोगों से कहा, 'केरल में बहुत गंभीर स्थिति है। केंद्र राज्य को हर तरह का सहयोग प्रदान करेगा।'

विजयन ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

विजयन ने कहा, 'आवास, अन्य संपत्तियों और फसलों के नुकसान सहित हर प्रकार के नुकसान की भरपाई की जाएगी। घर लौटने पर आप बहुत परेशानियों का सामना करेंगे। आपके घरों को साफ करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।'

लेकिन एनार्कुलम और त्रिशूर के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है और पेरियार नदी का जलस्तर नीचे गया है, जिससे कुछ लोग अपने घर लौट सकते हैं।

मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार सुबह 24 घंटे की अवधि में इडुक्की जिले में 90 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

बांध में तथा इसके आसपास क्षेत्रों में दिन में बारिश होने के बावजूद बांध का जलस्तर पिछले 48 घंटों में तीन फुट कम होकर रविवार को 2,399.28 फुट हो गया है। हालांकि एनार्कुलम और त्रिशूर जिलों के कई हिस्से अभी भी जलमग्न हैं।

पहाड़ी जिले वायनाड में फसल और सम्पत्ति की भारी हानि हुई है। रविवार को लगातार बारिश से यह क्षेत्र जलमग्न हो गया, जिसके बाद भूस्खलन की संभावना से प्रशासन को राहत शिविरों में रह रहे लोगों को वापस जाने के लिए कहना पड़ा।

इडुक्की जिला प्रशासन ने कहा कि भारी बारिश के बाद खोले गए बांध के सभी द्वार बंद करने का निर्णय आगामी दिनों में बारिश के आधार पर लिया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने कहा कि बांध के जलद्वार खोलने का निर्णय संबंधित अधिकारियों से बातचीत के बाद लिया जाएगा।

केरल में सेना का ऑपरेशन सहयोग जारी है। इसके तहत सेना के दो समूह एर्नाकुलम जिले के अलुवा तथा इडुक्की जिले के अदिमाली में राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

इडुक्की जिले के विरिंजपाड़ा-मनकुलम क्षेत्र में पुराना पुल बाढ़ में बह जाने के बाद पेंगोड सैन्य स्टेशन से मद्रास रेजीमेंट के लगभग 80 कर्मियों ने एक अस्थाई पुल का निर्माण किया।