केरल के चर्च का फैसला: 5 या अधिक हुए बच्चे तो हर महीने पैसा, शिक्षा-इलाज फ्री
केरल के एक चर्च ने बेहद हैरान करने वाला फैसला लिया है. दरअसल, केरल के सायरो-मालाबार चर्च ने अपने क्षेत्र में रहने वाले उन सभी परिवारों को वित्तीय मदद देने की घोषणा की है, जिनके पांच या उससे अधिक बच्चे हैं.
highlights
- जनसंख्या बढ़ाने के लिए केरल के चर्च का फैसला
- 5 या अधिक हुए बच्चे तो हर महीने पैसा, शिक्षा-इलाज फ्री
- ईसाई संस्था इसे ‘जन-कल्याणकारी योजना’ बता रहा है
नई दिल्ली:
एक तरफ देश में बढ़ती आबादी तो लेकर सरकार जनसंख्या कानून बनाने की कवायद चल रही है. इस बीच केरल के एक चर्च ने बेहद हैरान करने वाला फैसला लिया है. दरअसल, केरल के सायरो-मालाबार चर्च ने अपने क्षेत्र में रहने वाले उन सभी परिवारों को वित्तीय मदद देने की घोषणा की है, जिनके पांच या उससे अधिक बच्चे हैं. इसे ईसाई समुदाय की जनसंख्या बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, ईसाई संस्था इसे ‘जन-कल्याणकारी योजना’ बता रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चर्च ने फैसला किया है कि एक परिवार में चौथे और उसके बाद के बच्चों के लिए, सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. इसके अतिरिक्त, स्लीवा मेडिसिटी अस्पताल अपने चौथे और बाद के बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं के लिए गर्भावस्था से संबंधित खर्चों को उठाएगा.
‘मार स्लीवा मेडिसिटी हॉस्पिटल’ में मुफ्त इलाज की भी व्यवस्था होगी
केरल के चर्च के प्रचार विभाग द्वारा बनाई गई नीति के अनुसार, 2000 के बाद शादी करने वाले जिन भी जोड़ों के 5 या उससे अधिक बच्चे हैं, उन्हें हर महीने 1500 रुपए की मदद दी जाएगी. साथ ही चौथे और उससे आगे होने वाले बच्चों के लिए पाला स्थित ‘सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी’ में मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था भी की जाएगी. साथ ही गर्भ सम्बंधित समस्याओं के इलाज के लिए ‘मार स्लीवा मेडिसिटी हॉस्पिटल’ में मुफ्त इलाज की भी व्यवस्था होगी.
'हमें हमारे समुदाय को आगे ले जाने की ज़रूरत है'
चर्च के प्रचार विभाग ने कहा, हमें हमारे समुदाय को आगे ले जाने की ज़रूरत है. भले ही ये जनसंख्या वृद्धि की दर बढ़ाने के लिए नहीं हो, लेकिन कम से कम मौजूदा जनसंख्या वृद्धि की दर को बरकरार रखने के लिए तो इसे लाया ही गया है. हम ईसाई परिवारों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह देते हैं. वर्तमान में हमारे समुदाय की जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है. इसके लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया है, क्योंकि इसकी ज़रूरत नहीं. पादरियों के साथ चर्चा के बाद पता चला कि यही स्थिति है.
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