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चुनाव में हार के डर से झुकी मोदी सरकार, विपक्ष ने कहा- 'देर आए दुरुस्त आए'

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों क़ानून रद्द को लेकर कहा कि आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली. केजरीवाल ने कहा कि इस कानून को रद्द करने के लिए  700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए.

Updated on: 19 Nov 2021, 10:34 AM

highlights

राहुल ने कहा, देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया है

कहा-अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो. जय हिंद, जय हिंद का किसान

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, किसानों की शहादत अमर रहेगी

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून वापस लेने के बाद देश के शीर्ष नेताओं ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बड़ा ऐलान करने के बाद कांग्रेस के पू्र्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया है. कृषि कानून रद्द करने को लेकर राहुल के अलावा देश के अन्य शीर्ष नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.  राहुल ने कहा कि अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो. जय हिंद, जय हिंद का किसान.

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वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों क़ानून रद्द को लेकर कहा कि आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली. केजरीवाल ने कहा कि इस कानून को रद्द करने के लिए  700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए. उनकी शहादत अमर रहेगी. केजरीवाल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था. मेरे देश के किसानों को मेरा नमन.

ममता बनर्जी ने भी कृषि कानून रद्द करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ममता ने कहा कि हर एक किसान को मेरी हार्दिक बधाई, जो लगातार संघर्ष करते रहे और उस क्रूरता से विचलित नहीं हुए, जिसके साथ बीजेपी ने ऐसा व्यवहार किया. यह आपकी जीत है. इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.

वहीं कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कृषि कानून रद्द करने के फैसले पर कहा कि काले कानूनों को निरस्त करना सही दिशा में एक कदम है. किसान मोर्चा के सत्याग्रह को मिली यह ऐतिहासिक सफलता है. आपके बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता. सिद्धू ने कहा कि पंजाब में एक रोड मैप के माध्यम से खेती को पुनर्जीवित करना पंजाब सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.

तीनों कृषि कानून वापस लेने पर भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से अभिनंदन करता हूं. साथ ही भानु प्रताप सिंह ने कहा कि वह किसान हित में मांग इस बात की मांग करते हैं कि 75 सालों की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान जो कर्जदार हैं, उनका पूरा कर्ज माफ करें व किसान आयोग की घोषणा कर दें. 

राज्यसभा सांसद संजय ने भी कृषि कानून रद्द करने को लेकर अपनी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने काह कि ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत है. भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ है. उन्होंने कहा कि सैकड़ों किसानों की शहादत हुई है. अन्नदाताओं को आतंकवादी कह कर अपमानित किया गया. इस पर प्रधानमंत्री क्यों मौन रहे ? देश समझ रहा है के चुनाव में हार के डर से तीनों काला क़ानून वापस हुआ है.