केजरीवाल सरकार ने कन्‍हैया कुमार को दी क्‍लीनचिट, देशद्रोह का केस चलाने जैसा आरोप नहीं माना

दिल्ली सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्‍य छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस के अनुरोध को रद्द करने का फैसला किया है.

दिल्ली सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्‍य छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस के अनुरोध को रद्द करने का फैसला किया है.

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Sunil Mishra
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केजरीवाल सरकार ने कन्‍हैया कुमार को दी क्‍लीनचिट, देशद्रोह का केस चलाने जैसा आरोप नहीं माना

केजरीवाल सरकार ने कन्‍हैया कुमार को दी क्‍लीनचिट

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आपत्‍तिजनक नारेबाजी के मामले में पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार को दिल्‍ली सरकार ने क्‍लीनचिट दे दी है. इस कारण देशद्रोह केस में कन्‍हैया कुमार को जल्‍द ही राहत मिल सकती है. दिल्ली सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्‍य छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस के अनुरोध को रद्द करने का फैसला किया है. इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होनी है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह विभाग के एक नोट में कहा गया है कि जेएनयू कैम्पस में देश विरोधी नारे लगाने के उस प्रकरण की जांच में यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि वो नारे कन्हैया ने ही लगाए थे. दिल्ली सरकार के गृह विभाग का मानना है कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैम्पस में हुई उस घटना में कन्‍हैया कुमार के ऊपर किसी प्रकार का देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता.

इससे पहले दिल्‍ली पुलिस ने दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना ही कन्हैया कुमार के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी थी. इस मामले में कोर्ट ने दिल्‍ली पुलिस को फटकार भी लगाई थी और दिल्‍ली सरकार से जल्‍द ही इस पर फैसला लेने को कहा था. दिल्ली सरकार का कहना है कि अब वह खुद ही इस मामले की जांच करेगी और कानूनी सलाह के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.

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दिल्‍ली सरकार के गृह विभाग के नोट में कहा गया है कि कन्हैया ने देशद्रोही नारा नहीं लगाया था औऱ न ही देश की अखंडता और संप्रभुता पर कोई हमला नहीं किया था. कन्हैया के अलावा अन्य 10 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत अभियोजन स्वीकृति का कोई मामला नहीं बनता है. गृह विभाग ने दिल्‍ली पुलिस की जल्‍दबाजी पर भी सवाल उठाए हैं.

दिल्‍ली सरकार के गृह विभाग का कहना है कि उस दौरान जेएनयू कैम्पस में जितने लोग मौजूद थे, उनसे इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. यहां तक कि पुलिस ने सबूत के तौर पर जो वीडियो पेश किए हैं, उसमें भी साफ तौर पर पता नहीं चल रहा है कि उन देशद्रोही नारों के पीछे कौन है.

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क्‍या कहती है दिल्‍ली पुलिस की चार्जशीट
दिल्‍ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि कैम्पस में आयोजित उस इवेंट का नेतृत्व कन्हैया ही कर रहे थे औऱ उन्होंने देशविरोधी नारों का समर्थन किया था. गौरतलब है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा देने के मामले को लेकर जेएनयू कैम्पस में छात्र नेताओं ने एक इवेंट का आयोजन किया था. दिल्‍ली पुलिस की 1200 पन्नों की चार्जशीट में कन्हैया के अलावा उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, उमर गुल, राईए रसूल, बशीर भत, शेहला रशीद और अपराजिता राजा कुल 10 लोगों के नाम शामिल थे.

HIGHLIGHTS

  • दिल्‍ली सरकार के गृह विभाग ने कहा, देशद्रोह के सबूत नहीं
  • दिल्‍ली पुलिस की जल्‍दबाजी पर गृह विभाग ने उठाए सवाल
  • 18 सितंबर को इस मामले में कोर्ट में होनी है सुनवाई 

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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